• मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों से सहजन की खेती और उपयोग को बढ़ावा

फतेह लाइव, रिपोर्टर

सहजन, जिसे मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा पेड़ है जो सेहत के लिहाज से पॉवरहाउस की तरह काम करता है. इसके पत्ते, फल और फूल सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. लगभग 300 रोगों के खिलाफ यह एक प्रभावी सुरक्षा कवच प्रदान करता है. सहजन की हरियाली और पोषण मानव के साथ-साथ खेती और पशुओं के लिए भी अत्यंत लाभकारी है. खास बात यह है कि सहजन का फूल ऑफ सीजन में आता है, जिससे परागण में भी मदद मिलती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सहजन के गुणों से इतने प्रभावित हैं कि उन्होंने इसे प्रदेश के हर परिवार तक पहुंचाने के लिए विशेष कदम उठाए हैं.

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सहजन के औषधीय गुण और स्वास्थ्य लाभ

राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण 2019-20 के अनुसार भारत में करीब 32% बच्चे अंडरवेट हैं और लगभग 67% बच्चे एनीमिया से पीड़ित हैं. ऐसे में सहजन बच्चों, किशोरियों और माताओं के लिए वरदान साबित हो सकता है. सहजन विटामिन्स, एंटीऑक्सिडेंट्स, दर्द निवारक और एमिनो एसिड से भरपूर होता है. इसमें विटामिन सी, विटामिन ए, कैल्शियम, पोटैशियम और प्रोटीन की मात्रा अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में कई गुना अधिक होती है. इस कारण इसे ‘दैवीय चमत्कार’ भी कहा जाता है. दक्षिण भारत के कई राज्यों में इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा रही है और तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय ने सहजन की उन्नत प्रजातियां भी विकसित की हैं.

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सहजन: विटामिन्स और पोषण का खजाना

सहजन की पत्तियों एवं फलियों में 300 से अधिक रोगों की रोकथाम के गुण होते हैं. इनमें 92 तरह के विटामिन्स, 46 तरह के एंटी ऑक्सीडेंट, 36 तरह के दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं.

तुलनात्मक रूप से सहजन के पौष्टिक गुण

  • विटामिन सी- संतरे से सात गुना.
  • विटामिन ए- गाजर से चार गुना.
  • कैल्शियम- दूध से चार गुना.
  • पोटैशियम- केले से तीन गुना.
  • प्रोटीन- दही से तीन गुना.

सहजन का उपयोग केवल इंसानों तक सीमित नहीं है, यह खेती और पशुपालन में भी उपयोगी है. इसके पत्तों को चारा बनाने से पशुओं के दूध उत्पादन में डेढ़ गुना तक वृद्धि होती है और उनका वजन भी बढ़ता है. इसके अलावा, पत्तियों का रस पानी में मिलाकर फसलों पर छिड़कने से उपज में उल्लेखनीय सुधार होता है. सहजन न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि आर्थिक रूप से भी किसानों को फायदा पहुंचाता है.

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सहजन के फायदे: पशुपालन और खेती में वृद्धि

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सहजन की खूबियां तब से ज्ञात हैं जब वे गोरखपुर के सांसद थे. मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने प्रदेश में पौधरोपण अभियान में सहजन को प्राथमिकता दी. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने हर गरीब परिवार तक सहजन का पौधा पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. पिछड़े जिलों में भी सहजन के पौधे लगाने को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि प्रदेश में हरियाली बढ़े और पोषण स्तर बेहतर हो.

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योगी सरकार की हरित पहल: सहजन का महत्व

सहजन के पोषण और औषधीय गुणों को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी इसे प्रधानमंत्री पोषण योजना में शामिल किया है. केंद्र ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे सहजन के साथ-साथ स्थानीय पोषणयुक्त शाक-भाजी और फलियों को भी योजना में शामिल करें. इससे कुपोषण से लड़ने में सहजन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. सहजन की खेती और इसके उपयोग से न केवल स्वास्थ्य लाभ होते हैं बल्कि यह किसानों और पशुपालकों के लिए भी आर्थिक रूप से सहायक सिद्ध हो रहा है.

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