बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग और डॉ वीणा रानी श्रीवास्तव न्यास पटना के संयुक्त तत्वाधान में हुआ जयंती कार्यक्रम, कहानी प्रतियोगिता के विजेता सम्मानित

जमशेदपुर।

बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग और डॉ वीणा रानी श्रीवास्तव न्यास पटना के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को कलाकृति प्रेक्षागृह डीबीएमएस स्कूल, कदमा में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. डॉ वीणा रानी श्रीवास्तव, पूर्व विभागाध्यक्ष पटना विश्वविद्यालय, विद्वता, सौम्यता, उदारता की करुणामई छवि, जमशेदपुर में सहयोग संस्था की प्रेरणास्रोत जयंती एक अगस्त पर आयोजित इस कार्यक्रम में संस्था द्वारा दो ग्रुप में एक कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें दोनों ग्रुप के चयनित सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सुमेधा पाठक और शैलजा को ₹11,000 की नगद राशि और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया.

सहयोग संस्था के लिए समर्पित एवं उत्थान में संलग्न एक समर्पित समस्या आनंदबाला शर्मा को सहयोग निधि सम्मान दिया गया. इस सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार अर्जुन मुण्डा, विशिष्ट और सम्मानित अतिथि मीरा मुंडा, समाज सेविका की गरिमामई उपस्थिति रही.

डॉ वीणा रानी श्रीवास्तव न्यास की अध्यक्ष प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. किरण घई, पारिजात सौरभ, अपराजिता शुभ्रा पटना से तथा बोकारो, रांची, हजारीबाग से भी अनेक लोगों की उपस्थिति रही. सहयोग के सदस्यों के साथ- साथ शहर के अनेक गणमान्य लोगों की सराहनीय उपस्थिति कार्यक्रम की सफलता रही. डॉ सुनील नंदवानी, डॉ आशा गुप्ता, डॉ निधि, श्रीप्रिया धर्मराजन, डॉ वनिता सहाय, मंजू सिंह, डा कविता, सुरुचि मिन्ज, राजेश राय, शांतनु घोष, अरविन्द वर्मा, जवाहरलाल शर्मा, अंजनी सहाय, कमलेश तिवारी, स्नेहलता सिन्हा, डॉ सी भास्कर राव, सूर्या राव, नंदिता सिन्हा आदि उपस्थित रहे.

कार्यक्रम की शुरुआत शैलजा, मणिमाला, स्वाति सिंह द्वारा गाए सहयोग गीत के साथ हुआ. कृष्णा सिन्हा और शैलजा के श्लोक मंत्रोच्चार के साथ अतिथियों ने दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती और अम्मा के चित्र पर पुष्प समर्पण किया. सुधा दीप के निर्देशन में शिव शक्ति धरा से धाम तक नृत्य नाटिका की अद्भुत प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया. सभी अतिथियों का स्वागत शॉल और पौध से किया गया. अध्यक्षीय भाषण डॉ. मुदिता चन्द्रा ने देते हुए कहा कि यह सहयोग का रजत जयन्ती वर्ष है. डॉ. वीणा श्रीवास्तव के प्रति नमन संबोधन प्रो. किरण घई ने दिया. उन्होंने अपनी आदर्श शिक्षिका के व्यक्तित्व के विभिन्न आयामो पर प्रकाश डाला. इस मौके मुख्य अतिथि द्वारा पुस्तक का लोकार्पण किया गया.

मुख्य अतिथि अर्जुन मुंडा ने शुभकामना संदेश देते हुए कहा कि भारत को समझना है तो साहित्य को समझना चाहिए. बहुभाषी साहित्यिक संस्था साहित्य को समृद्ध कर रही है. बड़ी संख्या में भारत में विभिन्न भाषा बोली जाती है, इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विभिन्न भाषाओं को स्थान मिला. क्षेत्रीय भाषाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश होनी चाहिए. कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. कल्याणी कबीर ने किया. सहयोग की सचिव श्रीमति विद्या तिवारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ.

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