- थाना पहुंचा मामला, जेएनएसी के नोडल अधिकारी को आरोपी बनाते हुए थाना में दी गई शिकायत
Charanjeet Singh.
जरा ध्यान दीजियेगा. यह खबर आपके लिए भी बहुत जरूरी है. अगर, आप बिष्टुपुर क्षेत्र में किसी भी पार्किग में अपना वाहन पार्क कर रहे हैं और वह चोरी हो जाता है तो इसका हर्जाना कहां मिलेगा. इसको लेकर सावधान रहिए. आपको बता दें कि इन दिनों बिष्टुपुर की विभिन्न पार्किंग को जेएनएसी खुद (डिापर्टमेंटल ) चला रही है. जेएनएसी ताबड़तोड़ तरीके से शहर की पार्किंग का शुल्क तो वसूल रहे हैं, लेकिन नियम कानून की बिना परवाह किए.
ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जब मानगो डिमना रोड आशीर्वाद कुंज निवासी देवराज की स्पलैडर बाइक संख्या जेएच05सीक्यू-4619 की चोरी गत 9 मार्च की देर शाम पीएम मॉल के सामने से हो गई. भुक्तभोगी ने बाइक लगाने से पूर्व पार्किंग का शुल्क 10 रूपये आन लाइन अदा किया था. उसे उसकी रिसीविंग भी कर्मचारी ने दी, लेकिन जब वह मॉल से बाहर निकला तो उसकी बाइक चोरी हो गई. जेएनएसी पार्किंग कर्मचारी को देवराज ने जवाब तलब किया तो कर्मचारी ने हाथ खड़े कर लिये. तब भुक्तभोगी अपने बाइक की खोजबीन करते हुए बिष्टुपुर थाना पहुंचे और सनहा दर्ज कराया.
पार्किंग कर्मी ने कहा जेएनएसी से बात कीजिए
उसके बाद अगले दिन फिर भुक्तभोगी अपनी बाइक खोजने निकल पड़ा. वह फिर पार्किंग पहुंचा. जेएनएसी कर्मचारियों ने एक टूक जबाव देकर उसे लौटा दिया कि यह पार्किंग जेएनएसी की है. वहां बात कीजिए. हम कुछ नहीं कर सकते. इसके बाद भुक्तभोगी देवराज ने मंगलवार को बिष्टुपुर थाना में बाइक चोरी की शिकायत की, जिसमें घटनाक्रम का जिक्र करते हुए जेएनएसी के नोडल पदाधिकारी के खिलाफ शिकायत करते हुए बाइक खोजने या फिर उसका हर्जाना दिलाने की गुहार लगाई है.
डिपार्टमेंटल पार्किंग का चल रहा है खेल
बताया जाता है कि शहर की अधिकतर पार्किंग का संचालन डिपार्टमेंटल किया जा रहा है. इसी के तहत लोगों से पार्किंग चार्ज काटा जा रहा है. कुल मिलाकर इस मामले की अगर जांच होती है तो बहुत कुछ दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. सूत्र बताते हैं कि पार्किंग कर्मचारी और ठेकेदार से सांठ गांठ कर अधिकारी इसी तरह के खेल चला रहे हैं, जो सरकार के राजस्व को नुकासन पहुंचाने वाला है. 25 फीसदी पार्किंग शुल्क जमा हो रहा है बाकी जेब में चला जा रहा है. कार्यालय के अकाउंट की जांच भी इसस गोरख धंधे से पर्दा उठा सकती है.
बहरहाल, उपरोक्त घटना के बाबत जेएनएसी के सिटी मैनेजर सह नोडल अधिकारी रवि भारती से फतेह लाइव ने बातचीत की. उन्होंने कहा कि अगर वाहन चोरी होता है तो उसका हर्जाना देने का क्या प्रावधान है इसका उन्हें आइडिया नहीं है. अब सवाल उठता है कि एक जिम्मेदारी अधिकारी का इस तरह का बयान देना क्या लाजमी है?आपको बता दें कि रवि भारती वह अधिकारी है जिन्होंने पांच साल जेएनएसी में ही बिता दिए हैं. पिछले दिनों उनका तबादला पलामू हो गया था, लेकिन चार माह ही वहां काम करके फिर उन्होंने अपना तबादला यहीं करा लिया. ऐसे में अधिकारी को यहां का कोई नॉलेज न हो यह कहना कतई गलत नहीं होगा. बहरहाल, अब देखने वाली बात है कि उक्त भुक्तभोगी का सहारा कौन बनता है. उसे न्याय मिलेगा या नहींं. नियमानुसार पार्किग अगर पार्किंग जेएनएसी संचालित कर रही है तो हर्जाना भी उसे ही भरना होगा.