फतेह लाइव, रिपोर्टर
जमशेदपुर पुलिस ने फर्जी बेलर बन अपराधियों को जमानत दिलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में सिदगोड़ा 10 नंबर बस्ती निवासी अरविंद प्रसाद सिंह और आदित्यपुर 2 रोड नंबर 11 निवासी नवीन कुमार राय शामिल है. पुलिस ने इनके पास से 54 आधार कार्ड, 17 वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड, 25 सेट आधार कार्ड एवं वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर एवं वाहन का पॉलिसी पेपर का छाया प्रति, 57 पीस स्टांप पेपर, अलग- अलग व्यक्तियों का पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ 30 पीस और दो पीस छोटा स्टेपलर समेत तीन मोबाइल बरामद किया है.
जानकारी देते हुए एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि लगातार उन्हें सूचना मिल रही थी कि कुछ लोग फर्जी आधार कार्ड एवं वाहनों का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र बनाकर फर्जी व्यक्ति बनाकर जेल में बंद अपराधियों को जमानत लेने के लिए जमानदर बन रहे हैं. इस संबंध में सिविल कोर्ट सुरक्षा में लगाए गए पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मियों को कोर्ट परिसर में आने-जाने वाले व्यक्तियों का सघन जांच करने एवं संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखने के लिए निर्देशित किया गया था. इसी क्रम में सोमवार को सिविल कोर्ट गेट नंबर 3 पर तैनात पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मियों द्वारा दो संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा गया. दोनों व्यक्तियों का जांच किया गया. जिनके पास से एक ही आधार कार्ड नंबर, नाम एवं पता के कई आधार कार्ड जिसमें अलग- अलग व्यक्तियों का फोटो है.
इसके अलावा दोनों व्यक्तियों के पास से कई वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड का मूल प्रति, छाया प्रति, स्टांप टिकट, अलग- अलग व्यक्तियों का 30 पासपोर्ट साइज फोटो इत्यादि बरामद किया गया. पूछताछ में दोनों व्यक्तियों ने बताया कि पैसा लेकर अपराधियों के जमानत के लिए फर्जी बेलर बनते हैं और एक ही आधार नंबर एवं नाम के आधार कार्ड में अलग-अलग व्यक्तियों का फोटो लगाकर दूसरे व्यक्तियों को भी फर्जी बेलर बनाते हैं. उन्होंने बताया कि श्रीवास्तव नामक अधिवक्ता ने उन्हें फोन कर जमानत के लिए बुलाया था. एक बेल कराने के हजार रुपये से ज्यादा मिलते थे. जांच में मामले में दर्जन भर अधिवक्ताओं के नाम सामने आये हैं. पुलिस उन्हें भी रडार में लेने की तैयारी कर रही है.
वहीं दोनों की गिरफ्तारी के बाद से ही पुलिस अधिकारियों के पास पैरवीकारों के फोन और मैसेज आने लगे. इनमें कई बड़े वकिल के भी फोन कॉल शामिल थे. कई ने दोनों आरोपियों की पैरवी की. हालांकि उनकी पैरवी नहीं चली औऱ अंत में पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया. पुलिस गिरोह के अन्य साथियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.