चेयरमैन, प्रधान और बिल्ला पर लगाए गंभीर आरोप, बोले सीजीपीसी में कब्ज़ा करने के लिए रची गई साजिश, सामने से टक्कर लेने की हिम्मत नहीं थी, डीसी-एसएसपी से करेंगे जांच की मांग
फतेह लाइव, रिपोर्टर।
कदमा की महिला से बलात्कार एवं योनाचार मामले में 10 माह बाद जेल से बाहर आते ही सीजीपीसी के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे ने विरोधियों पर हमला बोल दिया है। सुप्रीम कोर्ट से जमानत पाकर गुरुवार को मुखे घाघीडीह सेंट्रल जेल से बाहर आये थे। जेल के बाहर ही मुखे ने अपने आरोपों को खारिज किया था और कहा था कि वे बहुत जल्द इससे पर्दा उठाएंगे। ठीक वैसे ही 24 घंटे के भीतर मुखे ने प्रेसवार्ता बुलाई। जहां उनके अधिवक्ता कृष्ण मुरारी सिंह और उनके समर्थक भी मौजूद थे। मुखे ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से सीजीपीसी के प्रधान भगवान सिंह, चेयरमैन और महासचिव गुरचरण सिंह बिल्ला पर बड़े गंभीर आरोप लगाए। मुखे ने कहा कि भगवान सिंह ने महिला का इस्तेमाल कर षड़यंत्र के तहत झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवाने का काम किया है ताकि वह प्रधान पद का चुनाव जीत सके।
रेखा देवी कई लोगों पर कर चुकी है 376 का केस, बेटी के साथ तो…
अधिवक्ता केएम सिंह ने कहा कि जिस महिला रेखा देवी ने मुखे को अभियुक्त बनाया था, लेकिन हकीकत यह है कि वह महिला पूर्व में भी इस तरह के केस कई लोगों पर कर चुकी है। मानगो में मनोज शर्मा के विरुद्ध कांड संख्या 140/2014 दर्ज है। जिसके विपरीत मनोज शर्मा ने भी महिला पर केस किया। इसमें महिला ने अपने पति का नाम स्व. मंगल लोहार बताया है। रेखा देवी उर्फ़ रेखा कौर ने टेल्को थाना में कांड संख्या 127/2008 तारा सिंह पर भी यही केस किया। इसमें अनुसन्धान पदाधिकारी ने केस को गलत बताते हुए किसी के बहकावे व दबाव में आकर ऐसा करते अंतिम प्रतिवेदन दिया गया। साकची के अजय गुप्ता, 10 नंबर बस्ती के हरजिंदर सिंह को भी ऐसे मामले में फंसाया। यही नहीं बिरसानगर में सुचिका रेखा ने नाबालिग पुत्री के अपहरण का केस किया। इसमें विनोद मंडल, नेहा कुमारी को आरोपित किया गया। इस मामले में बेटी ने 164 के बयान में कहा कि मां ने कहा था कि लड़कियां इस तरह के धंधे करके काफी रुपया कमाती हैं और बेटी ने मां के साथ जाने से भी इंकार कर दिया। कोर्ट ने तब बेटी की कस्टडी मां को नहीं दी थी। अधिवक्ता ने मुखे की तारीफ की और कहा कि अक्सर ऐसे मामलों में शिकायतकर्ता गलत कदम उठाता है, लेकिन मुखे ने न्यायपालिका पर विश्वाश किया। इसका डटकर मुकाबला किया। जिसका इंसाफ उन्हें मिला भी। इसी बातों को मुख्य रखकर मुखे को बेल मिली और उम्मीद है कि केस भी क्लोज हो जायेगा।
मेडिकल रिपोर्ट में जोर जबरदस्ती से इंकार
इसके साथ ही पुलिस अब तक किसी भी तरह की जाँच रिपोर्ट कोर्ट में नहीं सौंप सकी है, जिसका लाभ भी मिला। इस मामले में एफएसएल की रिपोर्ट तक नहीं सौंपी गई है। वहीं मेडिकल जांच करने वाली सदर अस्पताल की डॉ गिताली घोष ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में महिला के साथ किसी तरह के जोर जबरदस्ती से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने काफी गहनता से केस को पढ़ा है, यह केस आग चलकर खारीज कर दिया जाएगा.
सीजीपीसी में भरे हैं आतंकवादी, जिसका विरोध करते रहूंगा
गुरमुख सिंह मुखे ने कहा कि भगवान सिंह उनके रहते सीजीपीसी का चुनाव नहीं जीत सकते थे, इसलिए महिला के द्वारा उन्हें फंसाकर जेल भेजा गया और वे अपने मंसूबे में कामयाब भी हो गए. उन्होंने कहा कि सीजीपीसी में कई ऐसे पदाधिकारी है जो आतंकवादी है. कई बार वे लोग जेल जा चुके है. सभी का पर्दाफाश किया जाएगा. महिला ने तीन शादियां की और कई के साथ संपर्क में रही. वह इसी तरह लोगों को फंसाने का काम करती है और फिर उनसे पैंसे एंठती है. मानगो निवासी एक व्यक्ति से उसने इसी तरह 10 लाख रुपये ऐंठे अब उस व्यक्ति ने
केस महिला पर कर दिया. मुखे ने यह आरोप भी लगाया कि महिला को कदमा थाना लाने के बाद उसे कृपान पहनाई गई। यह धार्मिक मामले को ठेस पहुँचाने का मामला बनता है। धर्म के नेता बनने वालों को इसका ख्याल नहीं आया। वह अकाली दल और तख्त साहेब में यह मामला उठाएंगे।
महिला का उपयोग कर कई लोगों की जमीन हड़पी
कहा कि चेयरमैन ने महिला का उपयोग कर कई लोगों की जमीन अपने नाम करवा ली। कुछ मामले उनके पास आये हैं। वह अपने साथ साथ उन पीड़ित लोगों को भी इंसाफ दिलाने का काम करेंगे। जल्द ही डीसी-एसएसपी को वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे और जांच कराने की मांग करेंगे। इसके साथ ही मुखे ने पुलिस प्रशासन को अपील की है कि बेहतर पुलिसिंग पर राज्य में अच्छा काम हो रहा है। सीजीपीसी के पदाधिकारियों के साथ फोटो खींचवाने से बचें, जिनके तार आतंकवादियों से है। बिल्ला को बेयंत सिंह के हत्यारों को संरक्षण देने के मामले में सजा हुई। 2004 में हुई। 1992-93 में ही साकची हावड़ा ब्रिज से आतंकवादियों के हथियार पकड़ाये। उसमें टेल्को के धनी परिवार के सफेदपोश अंदर गये। उस मामले का रिकॉर्ड थाना और कोर्ट से गायब है। इसकी भी जांच होनी चाहिए। ऐसे लोग नागालैंड के हथियार लेकर घूम रहे हैं। उनकी जांच होनी चाहिए।
अपनी प्रतिष्ठा वापस लेने के लिए जान निकलने तक लड़ूंगा
मुखे ने कहा कि कई लोगों द्वारा इस तरह का आरोप लगवाकर उनकी छवि को धूमिल करने का काम किया गया है. पर वे जमशेदपुर में ही रहकर अपनी छवि को फिर से सुधारेंगे और फिर से अपने मुकाम तक पहुंचेंगे. उसके साथ उसके कई साथी भी साथ है. उन्होंने कहा कि महिला के पीछे कई लोगों का हाथ है. उसे आर्थिक रुप से मदद भी की जा रही है, ताकि वह हाईकोर्ट और सुप्रिम कोर्ट तक केस लड़ सके. वे जल्द ही कई दस्तावेज लोगों के सामने प्रस्तुत करेंगे जो सब साफ कर देगा. कुल मिलाकर मुखे ने कहा कि यह बस ट्रेलर है पिचर अभी बाकी है। इस पुरी फिल्म को वह संगत तक भी ले जाने का काम करेंगे और बताएंगे कि मेरी लोकप्रियता से घबराकर यह साजिश की गई। संगत भी इन लोगों का चेहरा देखेगी।
ये थे उपस्थित
पत्रकार वार्ता में अधिवक्ता के सहयोगी पुष्पा, वंश सबलोक, सोनारी के प्रधान तारा सिंह, अमरजीत सिंह अम्बे, जसबीर पदरी, चंचल सिंह, हरदेव सिंह, त्रिलोक सिंह, सन्नी सिंह, बाबा महेन्द्र सिंह, इंदरपाल सिंह, करतार सिंह, मलकित सिंह, दीपक गिल, सर्दुल सिंह खैरा, जरनेल सिंह आदि लोग शामिल थे।