फतेह लाइव, रिपोर्टर।
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हर हर महादेव सेवा संघ द्वारा संघ रत्न सेवा अवार्ड की घोषणा कर दी गयी. इस वर्ष भी चयन के लिए शहरवासियों का सुझाव लिया गया. अंततः संघ की कोर कमिटी ने गंभीर चिंतन के उपरांत पत्रकारिता, वकालत, चिकित्सा और समाज सेवा के क्षेत्र में अपने जीवन के लंबे काल खंड के दौरान समाज में लंबे समय तक उल्लेखनीय योगदान के लिए पांच नामों का चयन किया और शुक्रवार को इसकी घोषणा की.
उल्लेखनीय है कि व्हाट्सप्प मीडिया के माध्यम से शहरवासियों के विचार और उनकी पसंद को आमंत्रित किया गया था. इस माध्यम के जरिये अनगिनत व्यक्तियों ने संघ रत्न सेवा अवार्ड के सुयोग्य विशिष्ट जनों के नाम सुझाए.
कई लोगों ने भेजे अपने नाम
अनेक व्यक्तियों ने स्वयं भी अपनी उपलब्धियां समर्पित की. संघ ने सभी सुझाव और उपलब्धियों का सम्मान किया. चूंकि पांच नामों की ही घोषणा संभव है. अत्येव सभी नॉमिनेशन को संचित रखते हुए जीवन के लंबे संघर्ष और सेवा के कालखंड के पैमाने पर उक्त क्षेत्रों में पांच नामों की घोषणा की गयी है. संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले ने बताया की संघ इन पांच विशिष्ट जनों का हार्दिक अभिनन्दन करते हुए इनके नाम घोषित करने में गर्व और हर्ष का अनुभव कर रहा है।
वर्षों से दिया जा रहा सम्मान
उल्लेखनीय है कि पिछले कई वर्षों से संघ प्रत्येक वर्ष शहर एवं देश के ऐसे कई महानुभावों को संघ रत्न अवार्ड से सुशोभित करता आया है, जिन्होंने अपने जीवन में इस शहर एवं देश की समर्पित भाव से सेवा की है।
ये हैं वे सज्जन जिन्हें मिलेगा अवार्ड
चिकित्सा के क्षेत्र से डॉ एन के सिंह (गंगा मेमोरियल अस्पताल), वकालत के क्षेत्र से निमाई चंद्र पंडा (82 वर्ष ) एवं पी.एन गोप (प्रताप नारायण गोप), पत्रकारिता से – रंगाधर नंदा (फोटोग्राफी एवं संवाद संकलन) तथा समाज सेवा – शैलेन्द्र सिंह (सिख समाज का जाना पहचाना नाम)
संघ की कोर कमेटी ने इस आधार पर किया चयन
डॉक्टर नागेंद्र सिंह – झारखण्ड के प्रख्यात सर्जन गंगा मेमोरियल अस्पताल के संचालक डॉक्टर एन सिंह एक हजार से अधिक ऑपरेशन कर चुके हैं, जिनमे 11 हजार से अधिक निःशुल्क सर्जरी की है। इनको गरीबों का मसीहा भी कहा जाता है।
सरदार शैलेंद्र सिंह ने अपना पूरा जीवन सामाजिक कार्यों में समर्पित कर दिया। हर वर्ग एवं समाज के उत्थान के लिये आगे रहने वाले सरदार शैलेंद्र सिंह को जनआंदोलन में नेतृत्व करने के लिये जाना जाता है। झारखण्ड सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान के अलावा इन्हें सिख राजनीति का भीष्म पितामह भी कहा जाता है। जमशेदपुर से लेकर पटना तक सिख धर्म के सभी अहम पदों को सुशोभित कर चुके हैं।
निमाईं चन्द्र पंडा – 82 साल के अधिवक्ता निमाई चन्द्र पंडा साल 1975 से प्रैक्टिस कर रहे हैं।वे 48 हजार से अधिक केस लड़ चुके है। अपने जीवन में अनुशासित एवं अपने कार्य को पूरी ईमानदारी एवं गरिमामय तरीक़े से करने के लिये जाने जाते है। आज भी वे उतने ही सक्रिय हैं।
पी.एन गोप- 83 वर्षीय ( प्रताप नारायण गोप ) करीब 60 साल से वकालत कर रहे हैं। साल 1996 से 2007 तक उन्होंने लोक अभियोजक के पद को प्रतिष्ठित किया। चैताली और रिजवान जैसे काफ़ी चर्चित मामलों में इन्होंने ही फांसी की सजा दिलाई थी।
रंगाधर नंदा- पिछले करीब तीन दशकों से प्रेस फोटोग्राफर एवं संवाद के क्षेत्र में अपना योगदान दें रहे हैं। अत्यंत सहज, सरल एवं मानवीय मूल्यों को सम्मुख रखते हुए अपने पत्रकारिता जीवन को पूरी गरिमा से जीने वाले पत्रकार के रूप में इनकी पहचान है।
बढ़ती उम्र के बाद भी उनकी सक्रियता बनी हुई है।