सीजीपीसी ने जिला प्रशासन को फिल्म रोकने और मल्टीप्लेक्स प्रबंधन को फिल्म न लगाने के लिए सौंपा ज्ञापन

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

कोल्हान में सिखों को सर्वोच्च संस्था सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) ने कड़े शब्दों में कंगना रनौत की विवादास्पद फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। शुक्रवार को सीजीपीसी ने जिला प्रशासन मुख्यालय पर प्रदर्शन कर कमेटी के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति और प्रधामंत्री के नाम जिला प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है.

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जिला प्रशासन के अलावा पीएम मॉल के मल्टीप्लेक्स प्रबंधन को भी फिल्म का प्रदर्शन नहीं करने के लिए ज्ञापन दिया गया है। सीजीपीसी ने फिल्म में सिखों को नफरत का पात्र दिखाय जाने की बात कही गयी है। सीजीपीसी का आरोप है कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, इससे पूर्व भी कंगना रनौत ने सिखों, किसानों और सिख संस्थाओं के खिलाफ बयानबाजी की है।

सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए ज्ञापन के माध्यम से सरकार को आगाह कर दिया है, यदि फिल्म का प्रदर्शन होता है तो उग्र प्रदर्शन होगा इसलिए अच्छा यही है कि सरकार इस फिल्म पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबन्ध लगा दे।

उन्हें ऐसा लगता है कि कंगना रनौत को सिखों की छवि धूमिल करने के लिए ही नियुक्त किया गया है। शैलेंदर सिंह ने कहा फिल्म इमरजेंसी के जारी अंशों से यह स्पष्ट है कि इसे जानबूझकर सिखों के चरित्र को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जो गहरी साजिश का हिस्सा है। महासचिव अमरजीत सिंह के मुताबिक, इमरजेंसी फिल्म का ट्रेलर जारी किया गया है, जो बेहद विवाद पूर्ण है। इसमें सिखों को नफरत का पात्र बनाया गया है. सिखों को निर्दयी और जालिम बनाकर दिखाया गया है जिसका वे घोर विरोध करते हैं।

गुरचरण सिंह बिल्ला ने भी उद्गार जाहिर करते हुए कहा कंगना रनौत के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। जमशेदपुर के युवा प्रचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने कहा सिखों द्वारा देश के लिए दी गयी कुर्बानियों को तो नहीं दिखाया गया, मगर सिखों के खिलाफ इस फिल्म में षडयंत्र रचा गया है।

गौरतलब है कि कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी 6 सितंबर, 2024 को सिनेमाघर में रिलीज होनी है। उससे पूर्व उस पर रोक लगाने की मांग सीजीपीसी मांग करती है। प्रधान भगवान सिंह के नेतृत्व में उपाध्यक्ष चंचल सिंह, महासचिव अमरजीत सिंह व गुरचरण सिंह बिल्ला, गुरनाम सिंह बेदी, हरजिंदर सिंह, सुखदेव सिंह बिट्टू, सुरेंद्र सिंह शिंदे, दलजीत सिंह, मलकीत सिंह, बलदेव सिंह, गुरदीप सिंह, गुरमीत सिंह, हरविंदर सिंह जमशेदपुरी, सरबजीत ग्रेवाल हीरा सिंह, सुखवंत सिंह सुक्खू, जसवंत सिंह जस्सू, सुरजीत सिंह, गुरशरण सिंह, प्रभजोत सिंह, महेंद्रपाल सिंह, इंद्रजीत कपूर, दलजीत सिंह, रंजीत सिंह, चाहल सिंह, सेंट्रल नौजवान सभा के प्रधान अमरीक सिंह, समाजसेवी कमलजीत कौर गिल समेत सैकड़ो प्रतिनिधिमंडल में शामिल होकर कंगना के विरुद्ध नारे भी लगाये।

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