कृतिवास मंडल ने दर्ज कराई थी शिकायत
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
आरटीआई कार्यकर्ता संघ के केन्द्रीय महासचिव सह आजसू पार्टी के जिला सचिव कृतिवास मंडल के द्वारा नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री कार्यालय भारत सरकार में एक शिकायत दर्ज करवाई गई थी कि झारखंड सरकार के द्वारा धुर्वा में स्मार्ट सिटी में बिना नक्शा पास कराये ही 11 मंत्रियों के बंगले झारखंड बिल्डिंग बायॅलाज के नियमानुसार नहीं बनाकर झारखंड बिल्डिंग बायलॉज के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई है और आम नागरिकों के करोड़ों रुपए खर्च कर पानी में बहाएं गया है.
मंडल की शिकायत के अनुसार जबकि झारखंड बिल्डिंग बायॅलाज के नियमानुसार बंगलों की निर्माण कार्य हेतु नक्शा पास कराने की प्रावधान है, लेकिन विडंबना ये है कि मंत्रीयो के बंगलों की बिना नक्शा पास कराए ही बंगलों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. सबसे बड़ी विडंबना ये है कि झारखंड सरकार के भवन निर्माण विभाग के द्वारा बिना स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी किये बिना ही मंत्रियों को बंगलों का आवंटन भी कर दिया गया है. जबकि मंत्रीयो के बंगलों के नक्शा स्वीकृति के बिना निर्माण कार्य करना झारखंड बिल्डिंग बायलॉज के नियमानुसार बिल्कुल विपरीत है.
आम लोगों के द्वारा भवनों का बिना नक्शा स्वीकृति के निर्माण कार्य करने पर विभिन्न नगर निकायों और प्राधिकारों द्वारा कार्रवाई की जाती है. बिना नक्शा स्वीकृति के निर्माण के मामलों में भवनों को ध्वस्त करते हुए निर्माणकर्ता पर दंड लगाने से संबंधित प्रावधान भी झारखंड बिल्डिंग बाइलॉज में है.
निम्नलिखित बिंदुओं पर जांच कर कार्रवाई किया जाय
1/ मंत्रीयो के बंगलों निर्माण कार्य करने की कुल कितनी प्रकलित राशि थी और भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद कितनी राशि खर्च हुई है और सरकार के किस फंड से बंगलों की निर्माण कार्य किया गया है इसकी जांच किया जाए.
किस विभाग के द्वारा मंत्रीयो के बंगलों का निर्माण करने की नक्शा पास किया गया है उसकी जांच किया जाय.
बंगलों कि आक्यूपेंसी सर्टिफिकेट किस विभाग के द्वारा कब निर्गत किया गया है उसकी जांच किया जाय.
बंगलों में बिजली की कनेक्शन किस आधार पर दिया गया है उसकी जांच किया जाय.
बंगलों की पूर्णता प्रमाण पत्र किस विभाग के पदाधिकारियों के द्वारा कब निर्गत किया गया है उसकी जांच किया जाय.
बंगलों में फायर फाइटिंग सिस्टम रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच किस विभाग के पदाधिकारीयो के द्वारा किया गया है इसकी जांच किया जाय.
मंत्रीयो के बंगलों हैंडओवर भवन निर्माण विभाग झारखंड सरकार के किस पदाधिकारीयों के द्वारा कब किया गया है इसकी जांच किया जाय.
मंत्रीयो के बंगलों निर्माण कार्य किस विभाग के कनिय अभियंता और सहायक अभियंता की देख रेख में किया गया है, उसकी जांच किया जाय.
बंगलों की उपयोगिता प्रमाण पत्र किस विभाग के द्वारा किस पदाधिकारी के द्वारा कब दिया गया है, उसकी जांच किया जाय.
मंत्रीयो के बंगलों किस खाते की भूमि पर बनाया गया है, उसकी खाता नंबर प्लांट नंबर थाना नंबर कुल रकवा एवं जमीन की प्रकार की जांच किया जाय.
मंडल ने प्रधानमंत्री कार्यालय में अनुरोध किया था कि उपरोक्त जनहित के मामले को उच्च स्तरीय 11 उच्च पदाधिकारीयो की टीम बनाकर जांच करवाया जाय एवं झारखंड सरकार के मंत्रीयो के लिए बिना नक्शा पास कराए गए अवैध ढंग से निर्माण किया गया बंगलों को अविलंब सील करते हुए निर्माणकर्ता पर दंड लगाते हुए दोषी संलिप्त पदाधिकारीयों, संबंधित विभाग के कनिय अभियंता, सहायक अभियंता पर विभागीय कार्रवाई किया जाय, तों उपरोक्त मामले में घरशोभीत पंडित अंडर सेक्रेटरी बिलडनोइड झारखंड सरकार प्रोजेक्ट भवन रांची को जांच कर कार्रवाई करने व जांच प्रतिवेदन भेजने हेतु दिया गया है.