• पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार की चुप्पी और घटना को दबाने की कोशिश पर कड़ी प्रतिक्रिया दी

फतेह लाइव, रिपोर्टर

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह विधानसभा क्षेत्र बरहेट के सुंदरपहाड़ी (गोड्डा जिला) में एक नाबालिग आदिवासी युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की दर्दनाक घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है. इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कि यह झारखंड के लिए शर्म की बात है कि आदिवासी मुख्यमंत्री के शासन में आदिवासी बेटियां सबसे असुरक्षित हैं. उन्होंने सरकार की मूकदर्शक भूमिका पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि इस जघन्य अपराध को दबाने की कोशिश किसके इशारे पर की गई. रघुवर दास ने मुख्यमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री के क्षेत्र में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं तो बाकी जिलों की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं.

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आदिवासी युवतियों पर बढ़ते अपराधों पर बढ़ता जनाक्रोश

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड के विभिन्न जिलों में महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रही हिंसक घटनाओं का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि बोकारो के ललपनिया में आदिवासी महिला से दुष्कर्म की कोशिश हुई, जिसे गांववालों ने बचाया. साहिबगंज में रुबिका पहाड़िया की निर्मम हत्या की घटना ने भी समाज को झकझोर दिया है. सिमडेगा, गुमला, गोड्डा, खूंटी और रांची में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार रोजाना बढ़ते जा रहे हैं. श्री दास ने सरकार से आग्रह किया है कि इस मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए.

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झारखंड में महिला सुरक्षा को लेकर बढ़ते सवाल

रघुवर दास ने पीड़िता के लिए सीआरपीसी की धारा 357A और झारखंड पीड़ित सहायता योजना 2012 के तहत तत्काल चार लाख रुपये आर्थिक मुआवजा देने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि नारी शक्ति समाज, राज्य और राष्ट्र की ताकत है, यदि वे सुरक्षित नहीं तो पूरी व्यवस्था असफल है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की कि वे अब चुप्पी तोड़ें और स्पष्ट करें कि वे किस दबाव में इस मामले पर चुप हैं. रघुवर दास ने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा.

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