जमशेदपुर.
कोल्हान विश्वविद्यालय के अधीन जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज के सत्र 19-22 के पांचवे सेमेस्टर का परीक्षा अप्रैल महीने में हुआ था, जिसमें एक विषय टैक्सेशन विधि में जो प्रश्न आए थे. वह 10 प्रश्न की जगह मात्र 7 ही प्रश्न छपे थे और वह प्रश्न पूरे सिलेबस से बाहर से आए थे, जिसके बाद सेंटर में सैकड़ों विद्यार्थियों में असमंजस की स्थिति बन गई थी, जिसके बाद विद्यार्थी किसी तरह परीक्षा लिखे और सेंटर के परीक्षा नियंत्रक के माध्यम से कोल्हान विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग को इसकी शिकायत की और सारे विद्यार्थियों द्वारा इस विषय में शत-प्रतिशत नंबर देने की मांग की गई, जिसके बाद परीक्षा विभाग द्वारा कहा गया कि इस पर हम जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे. उसके बाद रिजल्ट को प्रकाशित किया गया और सभी विद्यार्थियों को अलग-अलग नंबर दिए गए जो कि अन्य विषयों से काफी कम थे.
उसके बाद विद्यार्थी अमर तिवारी ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग झारखंड सरकार को शिकायत की, जिसमें विश्वविद्यालय द्वारा झूठा भ्रमित करने वाला रिपोर्ट दिया गया. विश्वविद्यालय द्वारा तथ्यों में ना जाकर यह बताया गया कि एलएलबी के विद्यार्थियों का मार्क्स84% तक आया है, जिससे यह प्रतीत होता है की परीक्षा नियम अनुसार ली गई है, जबकि यह स्पष्ट नहीं किया गया कि आखिर में क्यों सिलेबस से बाहर प्रश्न आए 10 प्रश्नों से की जगह 7 प्रश्न क्यों आए. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि कोल्हान विश्वविद्यालय अपनी गलती से पलड़ा झाड़ रहा है और विद्यार्थियों की उचित मांगों पर विचार नहीं कर रहा है, जिसको लेकर विद्यार्थी अमर कुमार तिवारी ने मानव संसाधन विभाग भारत सरकार को इसकी शिकायत की है और उन्हें सारे तथ्यों पर जांच करने की उच्च स्तरीय मांग की है. अमर तिवारी ने मांग में बताया कि सभी विद्यार्थियों को शत प्रतिशत नंबर दी जाए, अन्यथा वे सभी उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे.