परसुडीह में पुलिस के साथ राजनीतिक संरक्षण से बेखौफ चल रहा खेल

चरणजीत सिंह.

वैसे तो भारत सरकार द्वारा जनहित में जागरूकता के लिए आपके फोन पर ही रिंगटोन सुनवाई जा रही है कि कोई आपको लॉटरी का झांसा दे तो इसकी सूचना पुलिस को दें,कहीं ये साईबर अपराधियों की चाल तो नहीं……………………..

लेकिन झारखंड का शायद ही कोई जिला ऐसा बचा होगा जहां सट्टा और लॉटरी जैसे अवैध धंधों के बिना धंधेबाज और पुलिस का गुजारा हो रहा होगा. झारखंड के इस बजट सत्र में शिक्षा, रोजगार, मंईया सम्मान, कोयला, अवैध बालू और विधि व्यवस्था का सवाल तो उठाया जा रहा है लेकिन झारखंड को जोंक की तरह खून चुसने वाले लॉटरी माफियाओं पर बोलने वाला एक भी विधायक शायद अब नहीं बचा है या फिर कहानी में कोई ट्विस्ट है……

चर्चा तो यह भी हो रही है कि राज्य स्तरीय इस धंधे में बिहार के रोहतास का पवन झुनझुनवाला का जबरदस्त लाइजनिंग सिस्टम इन सभी पर भारी पड़ गया है. झारखंड में डेली लॉटरी की चर्चा तो वर्षों से चली आ रही थी लेकिन जाली लॉटरी की चर्चा का जनक झुनझुनवाला ही निकला जिसने लॉटरी के अवैध धंधों में अरबों कमाएं और लाखों लुटाएं होंगे. इस रसूखदार धंधेबाज की पकड़ ऐसी है कि बीते चुनाव में क्या पक्ष-विपक्ष और क्या पुलिस-प्रशासन सबको मैनेज रखा और जो मैनेज नहीं हो पाए उन्होंने इनका परत दर परत खुलासे करना शुरू कर दिया. इसकी शुरूआत धनबाद से हुई और चर्चा इतनी दूर तक गई कि बंगाल पुलिस ने झुनझुनवाला के एक आदमी को लाखों के जाली लॉटरी के साथ रंगेहाथ पकड़ा था.

जमशेदपुर के दो अड्डों का वीडियो हुआ लीक

वैसे तो लॉटरी के दर्जनों वीडियो झारखंड के विभिन्न जिलों में वायरल हो रहें हैं जिसमें धनबाद और दुमका का वीडियो लीक होने पर छापेमारी भी हुई थी. जमशेदपुर के कुछ अड्डों का वीडियो भी लीक हुआ था जिसमें बिष्टुपुर के इरफान और राकेश सोनकर, जुगसलाई के मिंटू सरदार और कल्लू मल्लिक, गोलमुरी के लोचन और कदमा का अड्डा काफी चर्चा में रहा. अब दो अड्डों का वीडियो फिर से आज लीक हो गया है जिसमें एक सीतारामडेरा और दूसरा परसुडीह बाजार का वीडियो बताया जा रहा है. हम इस वीडियो की पुष्टि तो नहीं करते लेकिन ये भी तय है कि प्रत्यक्षदर्शी या धंधे के विरोधी खेमे से ही यह वीडियो बजार में आया है.

परसुडीह में अजीत, अमित, जयदेव, लेदू और पंडित नामक व्यक्ति के करीब 35 से 40 युवक लॉटरी बेच रहे हैं. इन सबकी स्थानीय थाना, डीएसपी ऑफिस तक पहुंच है. सबसे बड़ी बात इन्हें राजनीतिक नेता का संरक्षण प्राप्त है.

सीतारामडेरा के पिंटू और कमल मंडल का अड्डा खुलेआम बजार में चल रहा है. सोनारी में राजकुमार नामक सट्टेबाज और शास्त्रीनगर कदमा में बाचा खान, भोला उर्फ शदरूजमा खान का अड्डा तो एक धार्मिक स्थल के पास ही चलता है वो भी इतने खुलेआम जैसे कि सब्जी बाजार लगा हो लेकिन इस पर बोले कौन सब कुछ तो ऊपर तक मैनेज जो है.

खुले बाजारों और तंग गलियों में चल रहे हैं लॉटरी के अड्डों पर रहमदिली क्यों?

ये धंधे विभिन्न जिलों के बस स्टैंड,सब्जी बाजार,तंग गलियों और छोटे-छोटे काऊंटर बनाकर चलते हैं. कुछ दिनों पहले ही जमशेदपुर में साकची पुलिस द्वारा तंग गलियों और बाजारों से पकड़े गए खिलाड़ियों के बावजूद धंधेबाज कमल पासवान का अड्डा दोबारा शुरू हो गया जिसमें कुछ पत्रकारों की मंथली भी सेट हो गई ताकि चर्चा का बाजार थम जाए. इस जोंक की तरह गरीबों को ठगने वाले धंधों पर न तो सत्ताधारी और न विपक्षी दलों के किसी नेता को बोलते देखा जाता है और न ही कोई बड़ा चैनल या अखबार लगातार लिखते या दिखाना चाहते हैं बाकी तो सब अंदर की बात है………………

लाखों का कारोबार हो रहा है सैकड़ों काउंटर से

झारखंड के विभिन्न जिलों के कई थाना क्षेत्रों में सैकड़ों काउंटर से पचास हजार तक का प्रति काउंटर का सेल रोजाना ही होता है जिसपर सभी एजेंटों को कमीशन भी मिलता है.यह हाल सिर्फ जमशेदपुर, धनबाद, चाईबासा, सरायकेला-खरसावां या दुमका का नहीं बल्कि पूरे झारखंड का हो गया है और इस पर कोई कार्रवाई या अभियान नहीं चलाया जाएगा, क्योंकि सब कुछ सेटिंग से ही हो रहा है और वो भी बिल्कुल गजब के मैनेजिंग सिस्टम के साथ हो रहा है.

आप देखते होंगे कि विभिन्न पर्व -त्यौहारों पर शराब और विशेषकर नशाखोरी, आए दिन साईबर अपराध, अवैध बालू और अन्य अवैध धंधों पर पूरे झारखंड में विशेष रूप से एक साप्ताहिक अभियान चलाया जाता है लेकिन आज तक कभी जुए और सट्टेबाजी पर अभियान नहीं चलाया गया.

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