• प्रचारक हरविंदर ने युवाओं से शहीदी की कथा बयान करती पुस्तक “पोह दीयां रातां” पढ़ने की सिफारिश की

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जमशेदपुर के युवा सिख धर्म प्रचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने सिख इतिहास के शहीदों विशेषकर चारो साहिबजादों और माता गुजर कौर की गौरवशाली शहीदी को बयां करती पुस्तक “पोह दीयां रातां” पढ़ने के लिए युवाओं से अपील की है. मंगलवार को प्रचारक हरविंदर  सिंह जमशेदपुरी ने कहा कि “पोह दीयां रातां” का एक-एक पन्ना रक्त की वह बूंदे हैं जो शहीदों की अमरता और धर्म की रक्षा का जज्बा दर्शाती है. उन्होंने पेशकश की यदि कोई भी युवा यह पुस्तक पढ़ने में दिलचस्पी दिखाते हैं तो वे यह पुस्तक उनसे निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं. जमशेदपुरी ने कहा सिख कौम शहीदों की कौम है इसलिए सबको इस पुस्तक को पढ़ने के लिए अवश्य इच्छुक होना ही चाहिए. हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने कहा सिखों का इतिहास ही खून से लिखा हुआ है. हालांकि शहीदी सप्ताह सिख इतिहास का सबसे मार्मिक हिस्सा परन्तु यह शहीदी गाथा सिखों को गर्व से ओत-पोत कर देता है.

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पुस्तक के बारे में जमशेदपुरी ने बताया कि सरदार सुरेंद्र सिंह खालसा द्वारा लिखित पुस्तक “पोह दीयां रातां” पंजाबी साहित्य की एक महत्वपूर्ण कृति है. इस पुस्तक में लेखक ‘साका चमकौर’ और ‘साका सरहिंद’ के विभिन्न पहलुओं को गहराई से वर्णन किया गया है. चार साहिबजादों और माता गुजरी जी की शहादत सिख इतिहास की सबसे भावुक और प्रेरणादायक घटनाओं में से एक है. यह बलिदान धर्म, सत्य और मानवता के लिए अद्वितीय उदाहरण है. इनके बलिदान और बलिदान के बाद के प्रभाव को इस पुस्तक में काफी सुन्दर तरीके से लिखा गया है. “पोह दीयां रातां” सर्दियों की कड़कड़ाती ठंडी, रातों में सिख धर्म के शहीदों का यह बलिदान, त्याग, निष्ठा और साहस का प्रतीक है. चारों साहिबजादों और माता गुजरी जी ने दिखाया कि धर्म और सच्चाई के लिए हर कठिनाई को सहन किया जा सकता है. यह घटना हर सिख को अपने सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति अडिग रहने की प्रेरणा देती है.

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