फतेह लाइव, रिपोर्टर।

ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन के पूर्वी भारत अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 1984 सिख दंगा आयोग डीपी सिंह से राँची स्थित उनके
आवास में जाकर मुलाक़ात की। इस दौरान 1984 के पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द कैसे इंसाफ़ दिलाया जाये पर चर्चा हुई। इस दौरान सतनाम सिंह गंभीर ने आयोग से कहा की काफ़ी पीड़ित परिवारों के दस्तावेज आपके पास प्रस्तुत किए गए थे। सिर्फ़ 41 पीड़ित परिवारों को ही क्यू मुआवज़ा दिया गया, बाक़ी पीड़ितों को क्यू नही।

तब आयोग ने बताया की उनकी मंशा सभी को इंसाफ़ देने की है। मैंने काफ़ी संख्या में पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा देने की सिफ़ारिश सरकार से की है। अब सरकार बताएगी की सिर्फ़ 41 लोगो को ही मुआवज़ा क्यू दिया जा रहा है। आयोग ने कहा की अगर किसी पीड़ित परिवार को लगता है की उन्हें जो मुआवज़ा बनता है वो नही मिला है या जो पीड़ित परिवार उन तक अपने दस्तावेज जमा नही कर सका है।

वह उनके पास आकर अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं। आयोग के दरवाज़े सिख दंगा पीड़ित परिवारों के लिए हमेशा खुले है। सतनाम सिंह गंभीर ने कहा की जब जब माननीय उच्च न्यायालय सरकार को फ़टकार लगाती है। तब तब प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी थोड़े रेस होते है और थोड़ा समय बीतने के बाद फिर से 1984 के आपराधिक मामलों से ध्यान हटा लेते है, जिस कारण पीड़ित परिवारों को आज तक इंसाफ़ नही मिल पाया या। पीड़ित परिवारों को इंसाफ़ दिलाने के लिये उनका संघर्ष जारी रहेगा। इस दौरान राँची से तजेंदर सिंह मक्कड़, डाल्टनगंज से इंदरजीत सिंह डिम्पल भी उपस्थित थे।

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