- जातिगत जनगणना से पहले झारखंड के पिछड़े, अति पिछड़े एवं दलितों को प्रमाण-पत्र देना आवश्यक: डॉ. पवन पांडेय
फतेह लाइव, रिपोर्टर
एनसीपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता डॉ. पवन पांडेय के नेतृत्व में तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड के महामहिम राज्यपाल से भेंट कर पार्टी की ओर से जातिगत प्रमाण-पत्र जारी करने की मांग की. मांग पत्र में कहा गया कि झारखंड का गठन 2000 में हुआ, इससे पहले यह क्षेत्र दक्षिण बिहार का हिस्सा था. बिहार और अन्य राज्यों के पिछड़ी, अति पिछड़ी एवं दलित वर्ग के लोग इस क्षेत्र में रोजगार हेतु आए और आज उनकी तीसरी पीढ़ी यहां रह रही है. परन्तु उन्हें अब तक सरकार की ओर से जाति प्रमाण-पत्र नहीं दिया गया है, जिससे वे संविधान में दिए गए आरक्षण और अन्य लाभों से वंचित हैं.
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मांग पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि भारत सरकार पहली बार देश में जातिगत जनगणना कराने जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संख्या को जानना चाहते हैं ताकि आरक्षण सीमा को सही तरीके से निर्धारित किया जा सके. लेकिन बिना जाति प्रमाण-पत्र के इस जनगणना का कोई प्रभावी लाभ संबंधित वर्गों को नहीं मिलेगा. इसलिए जनगणना के पहले ही झारखंड में सभी संबंधित लोगों को प्रमाण-पत्र निर्गत करना आवश्यक है ताकि वे संविधान में दिए गए अधिकारों का पूरा लाभ उठा सकें.
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प्रतिनिधिमंडल में अनवर हुसैन, अनमोल दूबे और तेजपाल सिंह टोनी भी शामिल थे. उन्होंने राज्यपाल महोदय से विनम्र निवेदन किया कि झारखंड में जातिगत जनगणना के सफल और निष्पक्ष आयोजन के लिए प्रमाण-पत्र जारी करना प्राथमिकता हो. ऐसा करने से लाखों परिवार वंचित होने से बचेंगे और आरक्षण का सही लाभ मिलेगा. इस कदम को एनसीपी युवा मोर्चा का संवेदनशील और आवश्यक प्रयास बताया गया है.