फतेह लाइव, रिपोर्टर.
एनसीपी राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता डॉ पवन पांडेय ने कहा कि झारखंड राज्य में 1 मार्च से निजी हाथों में शराब का खुदरा व्यापार सौंपने को लेकर झारखंड सरकार की ओर से प्रारूप जारी किया गया है और लोगों से आपत्तियां मांगी गई है. हमने झारखंड सरकार को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है, जिसमें हमने कहा है कि सरकार द्वारा संचालित जेएसबीसीएल द्वारा अब खुदरा बिक्री शराब की नहीं होगी.
शराब का खुदरा व्यापार शराब व्यापारीयों के माध्यम से होगी और शराब अब माॅल और डिपार्टमेंटल स्टोर्स के माध्यम से बिकेगा. एक ओर जहां हम नशा मुक्ति की बात करते हैं और सरकार द्वारा भी नशा मुक्ति के लिए कई अभियान चलाया जाता है जिसमें करोड़ों रूपए खर्च होते हैं.
वहीं दूसरी ओर अब शराब की उपलब्धता माल और डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर होने से शराब पीने वालों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होगी. नौजवान और बच्चे शराब की आसान उपलब्धता के कारण नशे का ज्यादा शिकार होंगे. नशे के कारण कितने घर उजड़ेंगे कितने परिवार तबाही के कगार पर पहुंच जायेंगे. नशे के कारण अपराध बढ़ेगा. इसलिए केवल सरकारी मुनाफा बढ़ाने के चक्कर में पूरे झारखंड राज्य को शराब के नशे के लिए छोड़ा नहीं जाना चाहिए.
शराब को पूर्व के नियमानुसार ही बेचने की व्यवस्था को बहाल करना चाहिए. सरकार को अपना राजस्व बढ़ाने के और सारे विकल्पों को ढुंढना चाहिए. नहीं तो आने वाली पीढ़ियां शराब की आसान उपलब्धता के कारण नशे का शिकार होकर अपना वर्तमान और भविष्य सब कुछ गंवा बैठेग.