फतेह लाइव, रिपोर्टर.

शहर के युवा सिख धर्म प्रचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने केश कत्ल कर टोपी धारण किये सिख नौजवानों पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हें इस खालसा सृजना दिवस पर टोपी त्याग, केश रख दस्तार धारण कर खालसा रूप में लौटने का अपील की है.

शुक्रवार को बैसाखी पर्व की पूर्व संध्या पर सिख नौजवानों के नाम सन्देश में हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने कहा कि कुछ नौजवान केश क़त्ल करा सिखी भावना दिल में रहने की बात करते हैं, लेकिन उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि हमे सिखी अनगिनत शहीदियों के बाद मिली है और शहीदियां भी अपने वजूद और स्वरुप के लिए दी गयीं हैं. इसलिए सिखी भावना केवल दिल में नहीं बाहरी आवरण में भी दिखनी चाहिए.

जमशेदपुरी ने कहा खालसा बनने के लिए गुण और स्वरुप दोनों का होना जरुरी है. उन्होंने कहा आज के युवा गुरु की बाणी से जुड़कर गुरु घर की सेवा करें. दसवें गुरु साहब गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने चार बेटे कुरबान कर दिये और कहा था कि वे जब अपने सिखों को देखेंगे तो उनमे अपने साहिबजादों का रूप देखेंगे. इसलिए अब आज के नौजवानों को फैसला करना है कि उन्हें क्या बनना है.

बैसाखी के मौके पर शनिवार को जमशेदपुरी सीतारामडेरा गुरुद्वारा साहिब में सुबह 11 बजे से 12 तक तथा 12:15 बजे से 1:15 बजे तक गौरीशंकर रोड गुरुद्वारा साहिब में कथा व्यख्यान करेंगे.

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