फतेह लाइव, रिपोर्टर।












टाटानगर स्टेशन के पास से 8 माह की बच्ची अपहरण मामले में जीआरपी को एक बार फिर सफलता हाथ लगी है। जहां कुछ दिनों पहले जीआरपी ने 8 माह की बच्ची को सरायकेला जिले से बरामद किया था। वहीं आज फिर इस मामले में संलिप्त पांच महिला और एक पुरुष को गिरफ्तार कर इस गिरोह का भंडाफोड़ किया है।
विगत 14 दिसंबर की मध्य रात्रि टाटानगर रेलवे स्टेशन के बाहर फुटपाथ पर अपने मां पिता के साथ सो रही आठ माह की बच्ची का अपहरण कार सवार दो अपराधियों द्वारा किया गया कल। इस मामले में कार्रवाई करते हुए जीआरपी आरपीएफ और जिला पुलिस को पूर्व में सफलता हाथ लगी थी। जहां सरायकेला ज़िला निवासी सविता हेंब्रम के पास से 19 दिसंबर को 8 माह की बच्ची बरामद कर ली गई थी।
जहां सविता हेंब्रम ने पुलिस को अपने बयान में गुमराह करने की काफी कोशिश की। बच्ची बरामद के बाद लगातार पुलिस अनुसंधान कर रही थी, कि तभी पुलिस ने इस मामले में सविता हेंब्रम को गिरफ्तार करते हुए मामले में संलिप्त रानी कंडियन, मंजू साव, रंजीत साव, मीना देवी और अंजू साव को गिरफ्तार किया है। इस मामले का खुलासा करते हुए रेल एसपी ऋषभ झा ने बताया कि ये सभी जमशेदपुर और आसपास के इलाकों के रहने वाले हैं और एक गिरोह की तरह ये काम कर रहे थे।
इन्होंने बागबेड़ा और बर्मामाइंस इलाके में भी बच्चा चोरी की घटना को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि पांच महिला और एक पुरुष की गिरफ्तारी अब तक हो चुकी है। इस मामले में दो से तीन लोगों की गिरफ्तारी और होनी बाकी है, जिन्होंने बच्ची को देर रात टाटानगर रेलवे स्टेशन से उठाया था। साथ ही गाड़ी की भी पहचान हो गई है। उन्होंने बताया कि ये सभी बच्चों के अपहरण के बाद जब तक बच्चे की बिक्री नहीं हो जाती, तब तक दो-दो तीन-तीन दिन तक एक दूसरे के पास बच्चे को रखते थे। इस घटना में भी गिरफ्तार अपराधियों द्वारा हर दो दिन में बच्चों को अपने पास रखकर ठिकाना लगाने का प्रयास किया जा रहा था।
तभी पुलिस इन तक पहुंच गई। उन्होंने बताया कि यह एक बहुत बड़ा गिरोह है जो की अंतर राज्य स्तर पर कार्य कर रहा था। गिरोह के सदस्य वैसे बच्चों को निशाना बनाते हैं जो फुटपाथ वगैरह में रहने को मजबूर है। ऐसे गिरोह को तोड़ने का काम पुलिस कर रही है और स्पीडी ट्रायल कर इन्हें सजा दिलाने का कार्य करेगी।