फतेह लाइव, रिपोर्टर

किसी भी महिला के लिए लेखिका बनने की यात्रा सहज – सरल नहीं होती है. पारिवारिक दायित्व के साथ-साथ अगर कामकाजी महिला है तो दोहरा दायित्व निभाते हुए कलम थामना और अपने अनुभवों को शब्दों का रूप देना एक उल्लेखनीय बात होती है और इसी की कथा और गाथा है “आरोहण – भाग 2” पुस्तक में. इसमें जमशेदपुर शहर की अट्ठाइस महिला लेखिकाओं ने अपनी लेखनीय यात्रा को साझा कर इस पुस्तक के प्रति अपना प्रेम और विश्वास दिखाया है. आज इस पुस्तक का विमोचन अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, महिला आयाम, झारखंड प्रांत के बैनर तले तुलसी भवन के प्रयाग कक्ष में संपन्न हुआ. आरोहण पुस्तक भाग दो की संपादिका द्वय शिक्षाविद सह साहित्यकार डॉक्टर अनीता शर्मा और डॉक्टर कल्याणी कबीर हैं.

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पुस्तक के विमोचन के अवसर पर अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के केंद्रीय संगठनमंत्री दिनकर सबनीस, केंद्रीय महिला आयाम प्रमुख आशा सिंह, झारखंड प्रांत संगठन मंत्री शिवाजी क्रांति, उपाध्यक्ष ऐंजिल उपाध्याय और पद्मश्री छुटनी महतो मंचासीन रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रांतीय उपाध्यक्ष ऐंजिल उपाध्याय ने की वहीं मुख्य अतिथि के रूप में बिमला हेंब्रम उपस्थित रहीं जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्वी सिंहभूम के अध्यक्ष पप्पू सिंह और कृष्णा सिन्हा उपस्थित रहे. अन्य गणमान्य के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सरित किशोरी और पद्मा मिश्रा उपस्थित रहे. कार्यक्रम का आरंभ भारत माता और विवेकानंद जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर और दीप प्रज्वलित कर किया गया. मंचासीन सभी अतिथियों को उत्तरीय, पुष्प और प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया गया. पूर्वी सिंहभूम के उपाध्यक्ष कृष्णा सिन्हा ने ग्राहक गीत प्रस्तुत किया तथा संगठन मंत्र का वाचन अंकेश ने किया. स्वागत वक्तव्य प्रांत अध्यक्ष डॉ. कल्याणी कबीर ने दिया. उन्होंने कहा कि “आरोहण पुस्तक भाग दो” का लोकार्पण इससे जुड़ी लेखिकाओं का स्वयं के लिए स्वयं के साथ निभाया गया एक संबंध है. तत्पश्चात सभी मंचासीन अतिथियों के द्वारा “आरोहण” पुस्तक भाग दो का विमोचन किया गया.

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पुस्तक पर बोलते हुए डॉक्टर अनीता शर्मा ने कहा कि संघर्षशील स्त्रियां जब लेखिका बनती हैं तो समाज भी समृद्ध होता है और साहित्यिक वातावरण भी बनती हैं. प्रांतीय सदस्य सरिता सिंह ने इस पुस्तक की एक लेखिका दिवंगत कुमारी छाया को अपनी शब्दांजलि अर्पित करते हुए उनके प्रति अपना उद्गार व्यक्त किया. सरिता और डॉ. अनीता के द्वारा कुमारी छाया के परिजन को प्रतीक चिन्ह और पुस्तक भेंट किया गया. डॉक्टर सरित किशोरी ने कहा कि स्त्रियों की उन्नति के पीछे पुरुषों का भी सहयोग है और यह बात हमें स्मरण में रखना होगा. पद्मा मिश्रा ने कहा कि लेखन हमेशा हमें नकारात्मकता से और निराशाजनक परिस्थितियों से बाहर निकालने का काम करती है इसलिए महिला लेखिकायें सार्थक लेखन जारी रखें. कृष्णा सिन्हा ने अपने वक्तव्य में कहा कि महिलाओं को भी सदैव सक्षम ग्राहक बनना होगा क्योंकि आज के वैश्विक परिदृश्य में अधिकतर खरीदारी महिलाओं के द्वारा ही की जा रही है. उपाध्यक्ष विमला हेंब्रम ने भी पुस्तक के लोकार्पण को सुखद क्षण बताया और कहा कि लेखन कौशल का विकास करना आज के समय में जरूरी है क्योंकि यह आपसी संवाद को मजबूत बनाता है. अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उपाध्यक्ष एंजिल उपाध्याय ने ग्राहक पंचायत के गौरवमयी इतिहास को बताते हुए वर्तमान में इस संगठन की आवश्यकता पर बल दिया और बताया कि शोषण मुक्त समाज की परिकल्पना तभी हो सकती है जब एक ग्राहक अपने अधिकारों के प्रति सजग होगा और जरूरी है कि महिलाएं भी इस विषय को समझें और इसका प्रचार-प्रसार करें. इस लोकार्पण कार्यक्रम का सशक्त संचालन किया आरती शर्मा ने और धन्यवाद ज्ञापन दिया प्रांतीय महिला आयाम प्रमुख रूबी लाल ने.

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