- सिख संगत को शर्मसार करने वाली घटनाओं पर उठे सवाल, चुनावी विवादों से खफा दिखे वरिष्ठ सिख नेता
- गुरुद्वारा विवाद के चलते संगत में असंतोष, नेतृत्व पर उठे सवाल
फतेह लाइव, रिपोर्टर
सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) के पूर्व प्रधान एवं झारखंड सिख समन्वय समिति के संरक्षक सरदार गुरमुख सिंह मुखे ने साकची गुरुद्वारा में हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा है कि जिन लोगों की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई, उन्हें संगत से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. रविवार को साकची गुरुद्वारा परिसर में चुनावी विवाद के दौरान हुई मारपीट व लाठीचार्ज की घटना को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया. मुखे ने कहा कि उनके कार्यकाल में कभी भी गुरुद्वारा चुनाव के दौरान ऐसा माहौल नहीं बना, सिख संगत हमेशा एकजुट रही.
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चुनाव में हिंसा और प्रशासनिक हस्तक्षेप पर उठे सवाल
गुरमुख सिंह मुखे ने सीजीपीसी की वर्तमान कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि बारीडीह, टूइलाडूंगरी, कीताडीह, साकची सहित कई क्षेत्रों में विवाद गहराए हैं. उन्होंने कहा कि कौम की रहनुमाई करने वालों को संगत के सवालों का जवाब देना चाहिए. उन्होंने संगत से अपील की कि वे सिर्फ तमाशबीन न बने रहें, बल्कि ऐसे लोगों से सवाल करें कि क्यों सिखों की एकता और गरिमा को बार-बार ठेस पहुंच रही है. मुखे ने यह भी कहा कि उनके व्यक्तिगत मुकदमे और विरोध अपनी जगह हैं, लेकिन उन्होंने कभी उन्हें धार्मिक मामलों से नहीं जोड़ा.
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गुरुद्वारा विवादों को लेकर मुखे की संगत से जागरूकता की अपील
साकची गुरुद्वारा चुनाव को लेकर उत्पन्न विवाद और लाठीचार्ज की घटना के बाद सीजीपीसी और साकची गुरुद्वारा प्रधान निशान सिंह आमने-सामने हैं. चुनाव में हरविंदर सिंह मंटू की जीत के बावजूद वे प्रभार नहीं ले पा रहे हैं, जिससे संगठनात्मक असमंजस और भी गहरा गया है. गुरमुख सिंह मुखे ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं पूरी सिख कौम को शर्मसार कर रही हैं और इसे रोकने के लिए हर सिख को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए.