- टीबी मुक्त भारत अभियान हेतु निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए की गई अपील
- अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित कर कुपोषण उपचार केन्द्र में भर्ती करें, बेड रिक्त नहीं रहे
- सेविका/सहायिका के रिक्त पदों पर इस माह में अनिवार्य रूप से नियुक्ति सुनिश्चित करें – उपायुक्त
फतेह लाइव, रिपोर्टर
समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपाकंर चौधरी, सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए. बैठक में स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी योजनाओं समेत गर्भवती महिलाओं, कुपोषण उपचार केन्द्र, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, पीएम मातृ वंदना योजना, कन्यादान योजना समेत सभी विभागीय योजनाओं में प्रगति कि विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई. एनिमिया मुक्त भारत अभियान में पूर्वी सिंहभूम जिला पूरे राज्य में दूसरे स्थान पर है, इस उपलब्धि को और बेहतर करते हुए जिला को एनिमिया मुक्त करने हेतु प्रयास करने का निदेश दिया गया. उपायुक्त ने पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग की योजनायें आम नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य, पोषण तथा उनके जीवन स्तर में बेहतरी को ध्यान में रखकर संचालित की जा रही है. सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवायें सुदृढ़ हों, सभी स्वास्थ्य केन्द्र/उपकेन्द्र सुविधायुक्त हों इस दिशा में पहल करें.
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गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण, एचआईवी जांच, ससमय आयरन की गोली उपलब्ध कराने, टी.बी, वीएचएसएनडी कार्यक्रम, सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग आदि की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए गए. वहीं संस्थागत डिलीवरी बढ़ाने पर बल देते हुए वैसे क्षेत्रों को चिन्हित करने का निर्देश दिया जहां संस्थागत डिलीवरी का प्रतिशत कम है. बैठक में गर्भवती महिलाओं का एएनसी शत-प्रतिशत करने का निर्देश दिया गया. कुपोषण उपचार केन्द्रों की समीक्षा में बहरागोड़ा एवं मुसाबनी प्रखंड में कम कुपोषित बच्चे चिन्हित पाये गए. संबंधित प्रखंड की सेविका, सहिया, एएनएम को सघन अभियान चलाते हुए अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर एमटीसी में भर्ती कराने का निदेश दिया गया. स्पष्ट निर्देश दिया गया कि एमटीसी में बेड रिक्त नहीं रहे इसे सभी बीडीओ, एमओआईसी एवं सीडीपीओ सुनिश्चित करेंगे. गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण में अनुमानित लक्ष्य के विरूद्ध बहरागोड़ा, पटमदा में पंजीकरण कम पाया गया. दोनों प्रखंडों में सर्वे कराते हुए महिलाओं का पंजीकरण कराने तथा चौथे एएनसी जांच का निर्देश दिया गया.
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संस्थागत प्रसव में पोटका और मुसाबनी का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कम रहा. दोनों प्रखंडों को निजी अस्पतालों से भी डाटा संग्रहित करने का निदेश दिया गया. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव को लेकर लोगों के बीच जागरूकता लाने की बात कही गई जिससे जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य का बेहतर देखभाल सुनिश्चित किया जा सके. परिवार नियोजन कार्यक्रम में डुमरिया, मुसाबनी, पोटका में महिला बंध्याकरण उपलब्धि कम पाया गया, इस संबंध में ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने तथा पुरूष नसबंदी पर भी बल दिया गया. जिले में सिकल सेल एनिमिया के 77958 संभावित मरीज चिन्हित किए गए हैं जिनमें 22 मरीजों की पुष्टि हुई है. लगातार मरीजों का फॉलोअप करते हुए समुचित उपचार उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया. समाज कल्याण विभाग के योजनाओं की समीक्षा में सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना एवं पीएम मातृवंदना योजना में अपेक्षित प्रगति लाने का निदेश दिया गया. रिक्त पड़े 36 आंगनबाड़ी सेविका एवं 87 सहायिका के पदों को जनवरी माह के अंत तक ग्राम सभा कर नियुक्ति के निर्देश दिए गए. वहीं 0-6 वर्ष और गर्भवती माताओं की मॉनिटरिंग को लेकर पोषण ट्रैकर एप की समीक्षा में शत-प्रतिशत इंट्री सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
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बैठक में जिले के सभी वर्गों से टीबी मरीजों की मदद के लिए आगे आने की अपील की गई. इस अभियान के तहत टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए निक्षय मित्र की भूमिका निभाने की बात कही गई. इस योजना के तहत, कोई भी व्यक्ति, संस्था या संगठन टीबी के मरीज को गोद ले सकते हैं. निक्षय मित्र बनने के बाद मरीज को कम से कम छह महीने से लेकर तीन साल तक उपचार के लिए गोद लिया जा सकता है. इस दौरान, मरीज को भोजन, पोषण, और आजीविका से जुड़ी मदद दी जाती है. बैठक में डीआरसीएचओ डॉ रंजीत पांडा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी, बीडीओ सह सीडीपीओ घाटशिला, डुमरिया, बहरागोड़ा, मुसाबनी समेत सभी एमओआईसी, सीडीपीओ, महिला सुपरवाइजर, बीपीएम-स्वास्थ्य सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे.