6 घंटे बाद भी नहीं भेज पाए घटना की वीडियो, अजय सिंह क्यों नहीं मान रहे हाईकोर्ट का आदेश
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर के साकची थाना क्षेत्र के कालीमाटी रोड स्थित एक काकू बेटल शॉप रात भर खुला रहता है. वहां नशे का कारोबार होता है. गोलमुरी नामदाबस्ती निवासी सूरज पूरन के साथ मारपीट की घटना 16 मार्च की रात हुई थी. इस संबंध में सूरज के बयान पर साकची थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.
प्राथमिकी में सूरज ने बताया है कि 16 मार्च की रात वह अपने भाई कमल के साथ अपने बकाया पैसे लेने के लिए काकू बैटल शॉप पर गया था. काकू बैटल शॉप के संचालक अजय सिंह से पांच हजार रुपये लेने थे.
दुकान में जाने के बाद अजय सिंह समेत अन्य ने मिलकर मारपीट शुरु कर दी. सभी ने मिलकर चेन भी छीन लिया. घटना के बाद उसने एमजीएम अस्पताल में अपना इलाज करवाया. मारपीट में दांत भी टूट गया. पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुर कर दी थी.
इस पूरी वारदात में अंशुल की जमानत हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद दुकान शॉप संचालक अजय सिंह ने फतेह लाइव को सोमवार को अपना पक्ष रखा. कहा कि उनकी दुकान के सामने लड़ाई हुई थी. उनका कुछ लेना देना नहीं है. इसलिए वह बेल नहीं लेने वाले, जिन्होंने मारपीट की थी वह जमानत के लिए लगे हुए हैं. पूरी घटना की उनके पास फुटेज है, लेकिन जांच की बात यह भी है कि वह फुटेज उन्होंने मार्च माह से क्यों नहीं सार्वजनिक किया, जबकि आजकल दुनिया आधुनिक हो गई है. आरोपियों पर अपनी बात रखते हुए केस क्यों नहीं किया.
ताज़ा मामले में भुक्तभोगी का आरोप है की आरोपियों की जमानत जिला कोर्ट के बाद हाई कोर्ट से भी ख़ारिज हो चुकी है. दोबारा आरोपी जमानत के लिए फ़ाइल करने वाले हैं. इसमें इंजूरी रिपोर्ट को पुलिस ने कमजोर कर दिया है. नियमता आरोपी अंशुल की बेल रिजेक्ट होने के बाद सभी नामजद आरोपी कठघरे में खड़े होते हैं. अजय सिंह इसे क्यों नहीं स्वीकार कर रहे हैं. वह अपनी स्थानीय पहुंच पर हाईकोर्ट पर भी विश्वाष नहीं कर रहे. एक भी आरोपी की जमानत हो गई तो सभी को जमानत मिल जाती है. यह कहना गलत नहीं होगा कि एक की जमानत रद्द होने के बाद अन्य भी अभी आरोप के घेरे में आ जाते हैं. साकची थाना क्षेत्र में उस विवादित दुकान का खुलना भी जांच का विषय है, जिनकी गिरफ्तारी करने में पुलिस संकोच कर रही है. जबकि घटना के बाद दो माह तक वह दुकान बंद देखी गई थी. बाद में वहां क्या सेटिंग गेटिंग हो गई कि दुकान खुलेआम चल रही है.
शिकायतकर्ता ने सिटी एसपी को पिछले दिनी शिकायत इस मामले को लेकर की थी, शिकायतकर्ता इंसाफ मांग रहे हैं. तीन दिन बाद भी इसमें कुछ पुलिस की गतिविधि तेज नहीं हुई. उल्टे आरोपी की खबर छापने पर पत्रकार के पास आ जाना यह साफ दर्शाता है कि नामजद आरोपी कितने बड़े खिलाड़ी हैं. पुलिस क्या कर रही है? केस के आरोपी अजय सिंह की बात को पूरी तरह रख दिया गया है. वह वीडियो भेजते हैं तो उनका पक्ष भी मजबूती के साथ रखा जायेगा. वैसे उनका काउंटर केस ना करना भी शिकायतकर्ता के आरोप को सिद्ध करता है.