आंतरिक शक्तियों को अपने जीवन का मार्गदर्शन करने का अधिकार हमें ही देना हैः सरयू राय

मोटिवेशन का बाजार इन दिनों गरम है, बाजार में रोज आ रहे हैं मोटिवेशनल स्पीकर्सः संजय मिश्रा

जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा है कि हर इंसान के जीवन में एक आंतरिक शक्ति होती है। उस आंतरिक शक्ति को हम कैसे विकसित करेंगे, कैसे उसे अपने जीवन का मार्गदर्शन करने का अधिकार देंगे, यह हमारे ऊपर है। यह हमारे ऊपर है कि हमने क्या ठाना है, क्या कर गुजरना है। यह हमें ही तय करना होगा, कोई और नहीं करेगा। जिद्दी होना ठीक है, कई मामलों में गलत। जब आप अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानते हैं और जिद्दी भी हैं तो संभव है कि आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लें। वह लेखिका सुमन सिन्हा (ममता) की प्रथम पुस्तक (नेचर विदिनः हील नैचुरली, लीव पावरफुल्ली) के लोकार्पण के बाद बतौर मुख्य अतिथि अपनी बात रख रहे थे।

सरयू राय ने कहा कि हमारी जो आंतरिक शक्ति है, उसे हम क्या लक्ष्य देते हैं, ये जरूरी है। लक्ष्य निर्धारण पर ही यह निर्भर करता है कि हम अपनी आंतरिक शक्ति का लक्ष्य निर्धारण किस प्रकार से करना चाहते हैं। आंतरिक शक्ति ही शून्य अथवा अनंत, दोनों की ही प्रतीक है। अगर हम अंतरमुखी होते हैं तो यह शक्ति हमें शून्य के साक्षात्कार की तरफ ले जा सकती है। अगर हम बर्हिमुखी हैं तो बाहर अनंत का विस्तार है, कोई अंत नहीं है। आप अनंत के विस्तार में भी गोते लगा सकते हैं।

वहीं पत्रकार संजय मिश्रा ने कहा कि मोटिवेशन आज के दौर का हॉट केक है। देश में रोज नए मोटिवेशनल स्पीकर आ रहे हैं। मोटिवेशन का बाजार काफी बड़ा है और रोज बढ़ता जा रहा है। इसमें कोई बुराई नहीं है। लेकिन, हम जब मोटिवेशन के बिजनेस में आते हैं तो हमें अपने वांड़मय को बिसार नहीं देना चाहिए। गीता, उपनिषद को भी अपने मोटिवेशन में प्रयुक्त करें तो देश के लिए बेहतर होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस पुस्तक का हिंदी वर्जन भी आना चाहिए जिस पर लेखिका सुमन ने कहा कि वह इस दिशा में काम करेंगी, हिंदी भाषा में भी इस पुस्तक को लेकर आएंगी।

कार्यक्रम में सुनीत, सतनाम कपोला, सुनीता वीरमानी, मनोज सिंह, सुधीर सिंह, सुबोध श्रीवास्तव, नीरज सिंह, अतुल सिंह, लालू गौड़ समेत दर्जनों लोग मौजूद थे।

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