• मथुरा वृंदावन से पधारे 108 पंडितों ने आरंभ किया भागवत का मूल पाठ

फतेह लाइव, रिपोर्टर

श्रीमद्भागवत भागवत कथा का शुभारम्भ पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मलेन के तत्वावधान में 02 जनवरी को श्री महालक्ष्मी मंदिर से कलश सह भागवत जी की यात्रा आरम्भ हुई, सर्वप्रथम यजमानों का ग्रंथिबंधन किया गया जिसके उपरांत महिलाएं कलश को और पुरुष भागवत जी को लेके शोभा यात्रा मे शामिल हुए. सबसे आगे मथुरा से पधारे ब्राह्मण एक जैसी पोशाक मे चल रहे थे, उनके साथ बैंड और महिलाएं कलश लिए चल रही थीं जिसके बाद पुरुष भागवत जी को माथे पे रख कर चल रहे थे. शोभा यात्रा में गोविन्द बाबा और भागवत मर्मज्ञ आचार्य बांके बिहारी गोस्वामी का सानिध्य प्राप्त था. समाज के कई गणमान्य लोगों ने इस गरिमामयी आयोजन में उपस्तिथि दर्ज करवाई. यात्रा के धालभूम क्लब ग्राउंड पहुंचने पर बहुत ही सुव्यवस्थित तरीके से सभी यजमानों द्वारा अपने ब्राह्मणों का वरण किया गया और मूल पाठ के लिए संकल्प दिया गया. श्री व्यास पीठ पर सभी मुख्य यजमानों ने पूजा अर्चना की. दोपहर को ब्राह्मण भोजन का आयोजन हुआ जो प्रति दिन 8 जनवरी तक दोपहर और रात्रि किया जायेगा. आज के ब्राह्मण भोजन के सौजन्य कर्ता गुड्डू सिंह (दोपहर) और वीरेंद्र मुनका लाला रात्रि रहे.

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दोपहर 3 बजे से आरम्भ कथा मे बांके बिहारी गोस्वामी महाराज द्वारा भागवत कथा के अंतर्गत कथा मंच पर व्यासपीठ पर श्रीमद्भागवत कथा की पोथी की विधिवत् पुजा किये जाने एवं शुकदेव जी को स्थापना के साथ ही आज के प्रथम कथा दिवस के प्रसंग पर अपना विद्वता पूर्ण संबोधन करते हुए आचार्य बांके बिहारी गोस्वामी ने भागवत् के महात्मय का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण करने से हृदय में भगवान् का प्रादुर्भाव होता है. भागवत् कथा रसमयी एवं कर्ण प्रिय है एवं समस्त पुण्य कर्मों के द्वारा प्राप्त होने वाले पुण्यों से अधिक पुण्य फल प्रदान करने वाली है. साथ ही यह कथा प्रेत पीड़ा का भी नाश करने वाली है. इस संदर्भ में आचार्य बांकेबिहारी गोस्वामी द्वारा धुंधकारी की कथा का भी वर्णन किया गया जिसमें धुंधकारी प्रेतरुप में पीड़ित होने पर अपने बडे़ भाई गौ कर्ण द्वारा श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से प्रेत पीड़ा से मुक्त हुआ.

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गाजे बाजे के साथ निकली शोभायात्रा

महालक्ष्मी मंदिर में श्रीमद्भभागवत पुस्तिका का पूजन हुआ. फिर पुरुष यजमानों ने माथे पर पोथी धारण की एवं महिलाओं ने कलश उठाया. सभी यजमान जोड़े में शोभायात्रा में शामिल होकर धालभूम क्लब ग्राउंड पहुंचे. यात्रा आगे आगे पंडितों ने ध्वज ले रखे थे. वहीं कथा वाचक बाँकेबिहारी जी गोस्वामी रथ पर विराजमान थे. पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मलेन के तत्वाधान में आयोजित कथा सप्ताह में भागवत मर्मज्ञ आचार्य बांके बिहारी गोस्वामी जी ने भागवत कथा प्रारंभ की. कथा के पहले दिन उन्होंने शुकदेव जी का चरित्र और भागवत जी की महिमा बतलाई. श्रीमद भागवत जी हर मनुष्य के लिए अनुकरणीय और प्रासंगिक है, इसपर प्रकाश डालते हुए पूज्य गोस्वामी जी महाराज ने बतलाया कि श्रीमद भागवत की कथा मनुष्य को ईश्वर के साथ जोड़ देती है. भगवान की भक्ति से मनुष्य अपने पापों से मुक्त हो जाता है. देवर्षी नारद द्वारा गंगाजी के तट पर श्रीमदभागवत कथा का आयोजन करवाया जाना, कथा श्रवण से ज्ञान और वैराग्य का यौवन लौटना इत्यादि प्रसंग सुनाए गए.

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ये रहे उपस्थित

आज की कथा में प्रमुख रूप से संतोष खेतान, बालमुकुंद गोयल, महाबीर प्रसाद अग्रवाल, रमेश अग्रवाल, विजय मित्तल, अशोक चौधरी, शंकर गुप्ता, दीपक भालोटिया, जीवन नरेड़ी, संजय पलसानिया, संतोष अग्रवाल, ओमप्रकाश रिंगसिया, विजय आनंद मूनका, कमल किशोर अग्रवाल, सांवर लाल शर्मा उपस्थित थे. कथा के सफल और सुचारु आयोजन मे  अध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, महासचिव मंटु अग्रवाल, कोषाध्यक्ष अजय भालोटिया, संदीप मुरारका, लिप्पू शर्मा, सुरेश कवंटिया, उमेश खीरवाल, सन्नी संघी, बजरंगलाल अग्रवाल, निर्मल पटवारी, अंजू चेतानी, कविता अग्रवाल, ऊषा चौधरी इत्यादि.

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