गुरु रूपी साध-संगत स्वयं कार-सेवा कर विकास कार्य के साझेदार बने: भगवान सिंह






































फतेह लाइव, रिपोर्टर।
जमशेदपुर की सिख संगत के लिए खुशखबरी है। सीजीपीसी प्रधान भगवान सिंह के सत्ता में आने और उनकी दूरगामी सोच और समाज के विकास की कल्पना का नतीजा है कि आज सिख समाज के लिए बड़ी परियोजना धरातल पर दिखने लगी है. सीजीपीसी में सत्ता में आने के बाद वैसे तो बहुत काम होने के दावे किया गए. पूर्व प्रधान इंदरजीत सिंह की अगुवाई में लाखों लाखों खर्च कर श्री गुरु तेग बहादुर मेमोरियल हॉल बना, लेकिन वह महज एक बिल्डिंग बनकर रह गई. फिर पांच साल बाद भगवान ने बागडौर संभाली। उनके कार्यकाल में कुछ ऐसा काम हो गया वह भी उनका चार्ज संभालने के एक साल से भी पहले। जिसकी पूरे समाज में चर्चा हो रही है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं, सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) की शिक्षा और स्वास्थ के क्षेत्र में अति महत्वकांक्षी परियोजना को अब आकार मिलता दिख रहा है। इस परियोजना के लिए निर्मित भवन के पहले तल्ले की छत की ढलाई 22 नवंबर को की जाएगी।
सोमवार को साकची स्थित कार्यलय में इस बाबत प्रधान भगवान सिंह ने जमशेदपुर की साध-संगत से विनम्र आह्वान किया है कि संगत स्वयं उपस्थित होकर कार-सेवा में भाग लेते हुए विकास कार्यों के साझेदार बने।
सामाजिक दायित्व निर्वहन को सर्वोपरि बताते हुए भगवान सिंह का कहना है कि उंन्हे तथा समस्त सीजीपीसी टीम को अत्यधिक प्रसन्नता होगी यदि कोल्हान की गुरु स्वरुप संगत स्वयं कार-सेवा की सेवा कर अपना आशीर्वाद देते हुए इस पुनीत कार्य को सफलतम बनाये।
सरदार भगवान सिंह ने सभी गुरुद्वारा कमिटियां, स्त्री सत्संग सभा, नौजवान सभा और अकाली दल समेत अन्य सिख जत्थेबंदियों से अपील की है कि है बुधवार को वे सभी संस्थाएं इस लोकोपकारी कार्य में कार-सेवा कर अपना बहुमूल्य सहयोग करें।
अन्य गुरुद्वारों के प्रतिनिधियों और सदस्यों को सम्बोधित करते हुए भगवान सिंह ने कहा की सामाजिक और धार्मिक कार्यकलापों को सही दिशा में सफलतापूर्वक निष्पादित करने में उन्हें तथा उनकी टीम को जो सहयोग मिल रहा है सभी से मिल रहा है उसको वे शब्दों में बयान नहीं कर सकते हैं।