फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जमशेदपुर के बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (2022- 2025 ) के प्रधान कुलविंदर सिंह ने कहा कि पिछले कई सालों से विरोधियों को धमकी दिलवाने वाला सरदार शैलेंद्र सिंह अब गिड़गिड़ा रहा है। गुरुद्वारा राजनीति में उसने अपने पुराने कांग्रेस की राजनीति वाला फार्मूला अपना रखा है कि विरोधियों को धमकी दिलवाओ और डराओ। पहले अपने चाचा के नाम से डरा कर दबाव बनाता रहा। फिर सरदार गुरमुख सिंह मुखे के नाम पर विरोधियों को धमकाता रहा। धमकाने और डराने का काम अभी भी उसने नहीं छोड़ा है, अब वह ईस्ट प्लांट बस्ती और मानगो के व्यक्ति का नाम लेता है।

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पूरे जमशेदपुर के गुरुद्वारों की राजनीति को इसने खराब कर दिया और हर गुरुद्वारा में इसने दो गुट बनवा रखे हैं।
सेंट्रल कमेटी की पहली बैठक में उसके मनपसंद ऑडिटर का चयन नहीं होने दिया तो बारीडीह कमेटी के पीछे पड़ गया। फुट डलवाना, कान भरना, साजिश रचना, यही उसका काम है। इस शैलेंद्र सिंह के दबाव में आकर बारीडीह कमेटी का खेल हुआ और मुझ पर तीन बार सेंट्रल कमेटी के दफ्तर पर हमला हुआ।

शैलेंद्र सिंह वह दिन भी याद करें जब गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व पर साजिश रच कर गुरमुख सिंह से मुझ पर हमला करवाया था। सरदार भगवान सिंह भी उस समय गुरमुख सिंह के टीम में थे। आज सिख राजनीति में दोनों के रास्ते अलग हैं और अब एक दूसरे को मात देने के लिए अंगरक्षक पाने के लिए धमकी और साजिश का खेल खेल रहे हैं।

कुलविंदर सिंह ने जिला एसएसपी कौशल किशोर से अनुरोध किया है कि सरदार शैलेंद्र सिंह का पिछले दो महीने का सीडीआर देख लें तो सारा सच सामने आ जाएगा। पंचायती के नाम पर कमजोर पक्ष को धमकाना और दबाना उसकी आदत में शामिल है। इसी दबाव का नतीजा है कि जुगसलाई फाटक में एक सिख ने आत्महत्या कर ली। सारा सिख समाज उसे घटना को जानता है लेकिन समाज की बदनामी ना हो, लोग चुप रह गए और मामला दब गया।

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