फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर की सिख राजनीति से एक दूसरे के कट्टर दुश्मन बने सीजीपीसी के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे और झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के चेयरमैन गुरचरण सिंह बिल्ला के बीच फिर जुबानी जंग छिड़ चुकी है. पहले मुखे और फिर बिल्ला के बयान के बाद मुखे ने फिर पलटवार किया है.
बिल्ला के बयान में प्रतिक्रिया देते हुए कहा की यह जग जाहिर है की मुझे उक्त महिला के मामले में गुरचरण सिंह बिल्ला एवं सीजीपीसी के चैयरमैन के द्वारा साजिश रचकर फंसाया गया था. उन्होंने कहा कि जो महिला द्वारा मुझ पर आरोप लगाया गया. आज उस महिला को गुरचरण सिंह बिल्ला द्वारा अपने घर के पास मकान किराये पर लेकर दिया गया और वर्तमान में वह महिला एक मामले में जेल मे बंद है.
बिल्ला और उसके भाई द्वारा जमानत कराने की कोशिश की जा रही. आखिर ये लोग साफ करें की उक्त महिला से क्या संबंध है या गुरमुख सिंह मुखे को साजिश में फंसाने का कर्ज उतार रहे हैं और अगर पीड़ित होने के कारण मदद कर रहे हैं तो सच में और पीड़ीत महिलाए हैं. उनकी मदद क्यों नहीं कर रहे हैं. मेरे मामले के बाद महिला से संबंधित कई तरह सिख महिला के मामले आए हैं. उसमें इन लोगों की इंसानियत कहां गयी. कहा की मेरी टीम के द्वारा निर्णय लिया गया था, परन्तु जब देखा की देशद्रोही आतंकवादी संगठन के लोग इसमें शामिल हो रहे हैं, तो हमारी टीम के लोगो ने किनारा कर लिया.
आगे बताते हुए गुरमुख सिंह मुखे ने कहा की सीजीपीसी में कई ऐसे लोग शामिल हैं, जिन लोगों पर कम्पनी से ट्रक के टायर चोरी कर घोटाला करना, गाड़ी से माल लोड कर बेचना और केस से बचने के लिए पार्टी को किस्त पैसा देना, बंगाल के पानागढ़ में माल समेत टेलर गायब करना जैसे कई गंभीर आरोप लगे हैं. उन्होंने कहा कि गुरचरण सिंह बिल्ला दोष मुक्त नहीं हुए, सजा काट कर निकला है. मुझ पर लगे आरोप न्यायालय में विचाराधीन है न्यायालय पर पूरा भरोसा है और मुझे न्याय मिलेगा.
अधिकांश मामले में न्यायालय से बरी हूं और ज्यादातर मामले सीजीपीसी के चुनाव को लेकर बदनाम करने की साजिश थे. मैंने कोई क्राइम नहीं किया. मुखे ने कहा की मैं साकची, मानगो, सोनारी, कीताडीह, सीतारामडेरा गुरूद्वारा साहिब में एवं कई जगह समागम में शामिल होता रहा हूं और भविष्य में भी समाज की सेवा करता रहूंगा.
आज भी समाज के लोग भरोसेमंद मानते हैं और सहयोग के लिए मिलते हैं. जेल से छूटते ही अपनी टीम के साथ नगर कीर्तन में शामिल हुआ. संगत से रू ब रू हुआ और संगत का भरपूर सहयोग मिला, जिसे देख कर मेरे विरोधियों मे खलबली मची हुई है. ये लोग मेरा मुकाबला नहीं कर सकते थे, इसलिए लिए साजिश रच कर फंसाया.