- रेलवे फाटक के पास 20 से 25 साल पुराने मकानों को तोड़कर अतिक्रमण मुक्त कराया गया, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी
फतेह लाइव, रिपोर्टर
जमशेदपुर के सुंदरनगर में रेलवे प्रशासन ने दोपहर के समय बुल्डोजर चलाकर रेलवे फाटक के आस-पास बने कुल 24 अवैध मकानों को ध्वस्त कर दिया. लोगों को पहले नोटिस देकर आगाह किया गया था, जिसके बाद वे अपने घरों से सामान बाहर निकाल कर चले गए. रेलवे प्रशासन ने सायरन बजाकर कार्रवाई की और गरीब परिवारों के आशियानों को एक-एक कर उजाड़ दिया. इस कार्य में कोई विरोध नहीं हुआ. यह कार्रवाई रेलवे के जमीन पर हो रहे काम के लिए अतिक्रमण मुक्त कराने के उद्देश्य से की गई.
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रेलवे प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से प्रभावित हुए कई परिवार
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया है कि अतिक्रमण हटाए जाने पर मकान मालिकों को पूरा हर्जाना दिया जाना चाहिए. लेकिन सुंदरनगर में ऐसा नहीं किया गया. लोगों को मकान खाली करने की नोटिस जरूर दी गई थी, लेकिन हर्जाने की कोई व्यवस्था नहीं हुई. रेलवे प्रशासन के कड़े रुख के कारण लोग मजबूरन अपने आशियानों को खाली कर गए. इसके बाद बुल्डोजर चलाकर झोपड़पट्टियों और दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया.
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सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी पर बढ़ रही सामाजिक चिंता
बताया जा रहा है कि रेलवे प्रशासन द्वारा कुल 27 घरों को ध्वस्त किया जाना था, जो रेलवे की जमीन पर पिछले 20 से 25 साल से अवैध रूप से बने हुए थे. लोगों का कहना है कि इतने लंबे समय से वे यहीं रह रहे थे और अब उनके घर, दुकानें और आशियाने खत्म कर दिए गए हैं. वे परेशान हैं कि अब वे कहाँ जाएंगे. यह कार्रवाई रेलवे के कुछ आगामी कार्यों के लिए आवश्यक थी, लेकिन प्रभावित परिवारों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.