एक्सएलआरआइ जमशेदपुर में ‘मनकृति 2.0’ का सफल आयोजन, रिस्पांसिबल एआई पर हुआ मंथन
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
एक्सएलआरआइ जमशेदपुर के पीजीडीएम (जीएम) छात्रों ने एआइ नेक्सस क्लब के बैनर तले ‘मनकृति 2.0: ट्रस्ट, ट्रुथ एंड ट्रांसफॉर्मेशन-बिल्डिंग रिस्पॉन्सिबल एआइ फॉर द नेक्स्ट डिकेड’ का आयोजन किया. इस एआइ कॉन्क्लेव में उद्योग जगत के विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और तकनीकी नेताओं ने हिस्सा लिया और कृत्रिम बुद्धिमत्ता की रूपांतरणकारी शक्ति, बदलते कारोबारी परिदृश्य तथा भविष्य के नेतृत्व मॉडल पर अपने विचार साझा किए. कार्यक्रम की शुरुआत एक्सएलआरआइ के एसोसिएट डीन (एक्सओएल) एवं मार्केटिंग विभाग के प्रख्यात प्रो. गिरिधर रामचंद्रन के उद्घाटन संबोधन से हुई.

उन्होंने कहा कि आने वाला दशक उन्हीं कॉर्पोरेट लीडरों का होगा, जो इनोवेशन को विवेक के साथ संतुलित रखेंगे तथा यह समझेंगे कि एआइ की दुनिया में ‘विश्वास’ ही सबसे बड़ा मूल्य है. उन्होंने छात्रों से अपील किया कि वे एआइ को सिर्फ तकनीकी साधन न मानकर जिम्मेदारी के रूप में अपनाएँ, जिसमें नैतिकता, स्पष्ट उद्देश्य और मानवीय संवेदना केंद्र में हों.
29 नवंबर 2025 को आयोजित इस वार्षिक कॉन्क्लेव में तीन प्रमुख पैनल चर्चा हुईं. पहला पैनल ‘इंजीनियरिंग इंटेलिजेंस’ में विशेषज्ञों ने पीओसी से आगे बढ़कर स्केलेबल, एक्सप्लेनेबल और बिजनेस-रेडी एआइ की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने बताया कि एआइ की परिपक्वता मजबूत डेटा गवर्नेंस, क्लाउड-नेटिव प्लेटफॉर्म, एमएलऑप्स और स्पष्ट बिजनेस लक्ष्यों के संयोजन से ही संभव है.
दूसरे पैनल ‘रीडिफाइनिंग टैलेंट’ ने भविष्य के कार्यस्थल पर चर्चा की. वक्ताओं ने कहा कि एआइ मानव क्षमताओं को प्रतिस्थापित नहीं, बल्कि उन्हें सशक्त बना रहा है. आने वाले रोल अधिक हाइब्रिड होंगे, जिनमें तकनीकी समझ के साथ समस्या-समाधान, रचनात्मकता, नेतृत्व और सहानुभूति जैसी क्षमताएं अनिवार्य होंगी. सतत सीखना और अनुकूलन भविष्य के पेशेवरों के मूल मंत्र बताए गए.
तीसरे पैनल ‘एआई एथिक्स बाय डिजाइन’ में पारदर्शिता, निष्पक्षता, गोपनीयता और वैश्विक एआई शासन पर व्यापक चर्चा हुई. विशेषज्ञों ने कहा कि बायस मिटिगेशन, एक्सप्लेनेबिलिटी और प्राइवेसी अब विकल्प नहीं, बल्कि रणनीतिक आवश्यकता हैं. जो संस्थान नैतिक ढांचे को मजबूती से अपनाएँगे, वही विश्वसनीयता और प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल कर पाएंगे.
कॉन्क्लेव में उद्योग जगत के चुनिंदा दिग्गज लीडरों ने विचार साझा किए, जिनमें अप्टिव, केर्नी, ईवाई, कान्वेरा, एक्सेंचर, बीसीजी, नील्सनएआई, आईबीएम, डेल, माइक्रोसॉफ्ट और पीडब्ल्यूसी जैसी संस्थाओं के वरिष्ठ विशेषज्ञ शामिल थे.
कार्यक्रम का समापन प्रो. सुनील सारंगी के संबोधन से हुआ. उन्होंने कहा कि एआइ की तीव्र प्रगति के बीच मानव मूल्य और सामाजिक सरोकार ही असली दिशा प्रदान करते हैं. उन्होंने छात्रों से जिज्ञासा, विनम्रता और करुणा के साथ नेतृत्व करने की अपील की. आयोजन के सफल संचालन में फादर एस. जॉर्ज एसजे, फादर डोनाल्ड डिसिल्वा एसजे, प्रो. संजय पात्रो, प्रो. सुनील सारंगी और प्रो. गिरिधर रामचंद्रन के मार्गदर्शन की सराहना की गई. कार्यक्रम प्रो. कनगराज अय्यालुसामी और सुश्री हरिप्रिया बी के नेतृत्व में एआई कमेटी ने सफलतापूर्वक संपन्न किया.
अलग-अलग सेशन में ये लीडर्स और वक्ता हुए शामिल
पैनल 1 – इंजीनियरिंग इंटेलिजेंस
• गुरुप्रसन्ना मरिमुथु – चीफ, एज एआई एवं एआई एजेंट्स, एप्टिव
• अभिजीत पाणी – सीनियर डायरेक्टर, कियर्नी
• प्रकाश द्विवेदी – पार्टनर, ईवाई
• रामकुमार रविचंद्रन – डायरेक्टर, डेटा साइंस एवं एआई, कन्वेरा
• सतीश अग्रवाल – एआई लीड, ईवाई
पैनल 2 – रीडिफाइनिंग टैलेंट
• प्रियांकर राय चौधरी – जेनएआई लीड, एक्सेंचर
• वेदनारायणन – सीनियर एडवाइजर, सिमोन -कूचर
• राजेश कुमार भट्ट – सीईओ, नॉलेज फाउंड्री
• विजया घोष – पार्टनर, बीसीजी
• विकास शर्मा – लीडर, एआई/एमएल, नीलसेन एआइ
पैनल 3 – एआई एथिक्स बाय डिजाइन
• सुमन दास – मैनेजिंग कंसल्टेंट एवं एआई ट्रांसफॉर्मेशन लीडर, आइबीएम से
• प्रदीप कुमार मिश्रा – सीनियर डायरेक्टर, डेल
• भास्कर रॉय – हेड ऑफ एआई
• नितिन राज – पार्टनर, पीडब्लूसी
• मुरारी रामुका – एआई टेक्नोलॉजिस्ट, माइक्रोसॉफ्ट


