- अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ द्वारा आयोजन, पाकुड़ की चित्रलेखा गोंड रहीं मुख्य अतिथि
फतेह लाइव, रिपोर्टर
अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ की ओर से वीरांगना रानी दुर्गावती का 461वां शहादत दिवस नियर सी.पी. स्कूल, टुइलाडुंगरी गढ़ाबासा स्थित शीतला माता मंदिर प्रांगण में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पाकुड़ से पूर्व मुखिया चित्रलेखा गोंड उपस्थित रहीं. उन्होंने रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित कर, धूप जलाकर श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम में गोंड समाज की महिलाओं और पुरुषों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और “रानी दुर्गावती अमर रहें” के नारों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया. आयोजन की अध्यक्षता गोंड आदिवासी संघ के अध्यक्ष दिनेश साह ने की, जबकि कार्यक्रम में संरक्षक रामानंद प्रसाद, महिला समिति की अध्यक्ष नीतू कुमारी, और केंद्रीय सचिव जयप्रकाश गोंड भी उपस्थित रहे.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : ‘Snake Savers’ टीम को मान्यता दिलाने भाजपा नेता अंकित आनंद ने सौंपा ज्ञापन
रानी दुर्गावती की बलिदान गाथा ने झकझोरा, गोंड समाज ने दिखाई एकता
जयप्रकाश गोंड ने सभा को संबोधित करते हुए रानी दुर्गावती के इतिहास पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि अकबर के शासनकाल में रानी ने मुगलों से वीरता से युद्ध किया और हार स्वीकारने के बजाय आत्मबलिदान दिया. यह ऐतिहासिक घटना 24 जून 1524 को हुई थी, जिसे आज भी गोंड समाज सम्मानपूर्वक याद करता है. उन्होंने कहा कि गोंड समाज का इतिहास संघर्ष और बलिदान से भरा हुआ है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है. महिला समिति की सक्रिय भूमिका की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि अब वह समय नहीं रहा जब गोंड समाज की महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलती थीं. आज जैसे ही कोई सामाजिक आयोजन होता है, महिलाएं पूरी तैयारी के साथ शामिल होती हैं.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : खतियान के आधार पर जाति प्रमाण पत्र से इनकार असंवैधानिक – सुधीर कुमार पप्पू
महिलाओं की भागीदारी ने बढ़ाया गोंड समाज का सम्मान
मुख्य अतिथि चित्रलेखा गोंड ने अपने संबोधन में न केवल रानी दुर्गावती के शौर्य की सराहना की, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी बेबाकी से बोलीं. उन्होंने कहा कि पाकुड़ में जाति प्रमाण पत्र सहजता से बनते हैं, लेकिन जमशेदपुर में आज भी लोगों को परेशानी होती है. उन्होंने आग्रह किया कि यहां भी जाति प्रमाण पत्र की प्रक्रिया सरल करवाई जाए. साथ ही उन्होंने दिनेश साह और महिला समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भवन निर्माण और सामाजिक अधिकारों के लिए उनका संघर्ष अनुकरणीय है. उन्होंने पहली बार जमशेदपुर में बनी गोंड महिला समिति की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन गोंड समाज की महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है और इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है.