फतेह लाइव, रिपोर्टर.
टाटा कंपनी के विस्थापितों ने डीसी ऑफिस के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया. इस प्रदर्शन में विस्थापितों ने अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई, जिनमें पुनर्वास, मुआवजा, नौकरी, विस्थापित प्रमाण पत्र, जमीन वापसी और 1996 के सर्वे खतियान को रद्द करना शामिल है.
विस्थापितों ने बताया कि वे दर-दर भटक रहे हैं और कंपनी के द्वारा उपयोग नहीं किए जा रहे जमीनों को बाहरी लोगों द्वारा कब्जा किया जा रहा है. इस प्रदर्शन में टाटा कंपनी के अलावा डिमना डैम के विस्थापित भी पहुंचे थे.
इस प्रदर्शन में कई सारे महिला और बच्चों ने भी भागीदारी की, जो अपने परिवार के साथ आए थे. महिलाओं ने अपने अधिकारों की मांग की और बच्चों ने अपने भविष्य की चिंता व्यक्त की.
विस्थापितों ने चेतावनी दी कि यदि जिला प्रशासन जल्द से जल्द कोई करवाई नहीं करती है, तो 3 मार्च को जुबली पार्क का गेट जाम किया जाएगा.
हमें उम्मीद है कि जिला प्रशासन विस्थापितों की मांगों पर जल्द से जल्द ध्यान देगा और उन्हें न्याय दिलाएगा. हम विस्थापितों के साथ खड़े हैं और उनकी लड़ाई में उनका साथ देंगे.
इस प्रदर्शन में विस्थापितों के अलावा कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के सदस्य भी उपस्थित थे. हमें उम्मीद है कि इस प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन विस्थापितों की मांगों पर ध्यान देगा और उन्हें न्याय दिलाएगा.
कार्यक्रम में हरमोहन महतो, दीपक रंजीत, कुमार चंद मारडी, प्रहलाद गोप, नरेन सिंह, साधन पंडा, सितराम हेंब्रम, आशीष गौड़,अशीम प्रधान, रामचन्द्र महतो, कुदरी बोदरा, टसे हो, घासीराम गोप, तपन पांडा, कांशीनाथ प्रधान आदि लोग उपस्थित थे.