• जिप अध्यक्ष और सदस्यों ने एसएसपी से किया ज्ञापन, पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल

फतेह लाइव, रिपोर्टर

गिरफ्तारी के बाद कर्ण सिंह के समर्थन में जिले में व्यापक प्रतिक्रिया देखने को मिली है. शुक्रवार को जिला परिषद की अध्यक्ष बारी मुर्मू के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जमशेदपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से मुलाकात कर इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की मांग की. ज्ञापन सौंपते हुए बारी मुर्मू ने पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए और कहा कि यदि जांच में कोई पुलिस अधिकारी दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने इस कार्रवाई को जनप्रतिनिधियों की आवाज दबाने का प्रयास बताया और कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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जिप अध्यक्ष ने की एसएसपी से संवाद, जांच की मांग तेज

विवाद का मुख्य कारण घाटशिला के दाहीगोड़ा स्थित हनुमान मंदिर के पास एक निर्माणाधीन अपार्टमेंट के ड्रेनेज सिस्टम को लेकर था. कर्ण सिंह स्थानीय ग्रामीणों के साथ इस मामले में जानकारी लेने पहुंचे थे, जहां बिल्डर के प्रतिनिधि और मजदूरों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया. स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिल्डर ने रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से नाली बनाई है, जिससे धार्मिक स्थल की गरिमा और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. इसी विवाद को लेकर बिल्डर रौशन लाल गुप्ता ने कर्ण सिंह और भाजपा नेता हरप्रीत सिंह के खिलाफ रंगदारी, मारपीट और धमकी देने के आरोप लगाए थे. जब कर्ण सिंह काउंटर केस दर्ज कराने गए, तो मऊभंडार ओपी पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर घाटशिला थाना भेज दिया. इसके बाद गुरुवार को उन्हें जेल भेजा गया.

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घाटशिला विवाद में कर्ण सिंह की गिरफ्तारी से ग्रामीणों में आक्रोश

गिरफ्तारी के विरोध में जिला परिषद के कई सदस्य एकजुट होकर कर्ण सिंह के समर्थन में खड़े हुए. बारी मुर्मू के साथ उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा, जिला पार्षद डॉ. कविता परमार, कुसुम पूर्ति, पूर्णिमा मल्लिक के प्रतिनिधि मानिक मल्लिक सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे. सभी ने कहा कि यह कार्रवाई राजनीतिक दुश्मनी और जनप्रतिनिधियों को डराने की नीति का हिस्सा है. उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की कि दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए और जनप्रतिनिधियों को सुरक्षित माहौल दिया जाए ताकि वे अपने जनसंपर्क कार्य निर्भय होकर कर सकें.

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