फतेह लाइव, रिपोर्टर.
झारखण्ड सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने सोमवार को विधानसभा में स्वीकार किया कि तत्कालीन विभागीय मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा जान-बूझकर राहुल कुमार नामक गैर सरकारी व्यक्ति को झारखण्ड स्टेट फार्मेंसी काउंसिल का प्रभारी निबंधक सह सचिव नियुक्त कर दिया, जो इस पद के लिए अयोग्य थे।
जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य विभाग ने स्वीकार किया कि अयोग्य पाये जाने के कारण राहुल कुमार का फार्मासिस्ट निबंधन तथा ट्रिब्यूनल निबंधन को झारखण्ड स्टेट फार्मेंसी काउंसिल ने रद्द कर दिया है।
विभागीय जांच में यह साबित हो गया कि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री द्वारा योग्य सरकारी फार्मासिस्ट की सूची संचिका में उपलब्ध कराये जाने के बावजूद अयोग्य व्यक्ति राहुल कुमार जो गैर सरकारी था, उसे नियुक्त कर लिया है।
विधायक द्वारा दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करने की मांग पर स्वास्थ्य विभाग ने चुप्पी साध ली है। विधायक सरयू राय ने पूछा था कि एक गैर सरकारी अयोग्य फार्मासिस्ट को झारखण्ड स्टेट फार्मेंसी काउंसिल का निबंधक सह सचिव नियुक्त करने का षडयंत्र रचने वाले दोषियों के विरूद्ध सरकार कब तक दंडात्मक कार्रवाई करना चाहती है।
इस प्रश्न के उत्तर में सरकार ने इतना ही माना कि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री द्वारा अयोग्य व्यक्ति की नियुक्ति की गई थी। इसके लिए दोषियों पर कार्रवाई करने के बारे में सरकार ने चुप्पी साध ली और कोई उत्तर नहीं दिया। विधानसभा में हल्ला-हंगामा के कारण सत्र स्थगित हो गया। इसलिए इस प्रश्न पर वाद-विवाद नहीं हो सका।