Jamshedpur.
सेंट्रल सिख स्त्री सत्संग सभा की चेयरपर्सन बीबी कमलजीत कौर के द्वारा नामदाबस्ती में रविवार को दमदमी टकसाल के पहले मुखी और शहीद मिशन के बाबा दीप सिंह जी का जन्म उत्सव बड़े ही श्रद्धा के साथ मनाया गया. यहां जमशेदपुर के विभिन्न गुरुद्वारों की स्त्री सत्संग सभाओं की बीबियों ने संयुक्त रूप से सुखमणि साहिब जी का पाठ किया और बाबा दीप सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला.
यहां पहुंचे सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार भगवान सिंह के अनुसार बाबा दीप सिंह सभी धर्मी लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है. किस प्रकार से धर्म संस्कृति परंपरा तीर्थ स्थान की रक्षा अत्याचारी धर्म विरोधियों से की जाती है, उन से सीख लेने की जरूरत है. 75 वर्ष की आयु में उन्होंने 13 नवंबर 1757 को अहमद शाह दुर्रानी के फौज से टकराने का काम किया. शीश कटवा कर भी दरबार साहिब श्री हरमंदिर जी की पवित्रता कायम की ओर अफगानीओं को खदेड़ दिया. उसी समय से यह किवदंती भी है कि जीवित तो क्या मरने के बाद भी सिख सूरमा लड़ते हैं. ऐसे में सभी को अपने धर्म के लिए स्वाभिमानी बनने की जरूरत है.
इस मौके पर सीजीपीसी संरक्षक गुरदीप सिंह पप्पू, महासचिव अमरजीत सिंह, प्रधान कुलविंदर सिंह, पूर्व प्रधान अमरजीत सिंह सलाहकार गुरचरण सिंह बिल्ला, साकची सिख स्त्री सत्संग सभा प्रधान बीबी मनजीत कौर , जत्थेदार कुलदीप सिंह बुग्गे, महिवाल ट्रांसपोर्ट के निदेशक दलजीत सिंह, ग्रंथी दलजीत सिंह को सिरोपा देकर सम्मानित किए गए.