सीजीपीसी के कुछ पदाधिकारी के आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच जरूरी
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने जिला के वरीय पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय द्वारा संगत सर्वोपरि व्हाट्सएप ग्रुप के पुलिस जांच के आदेश का स्वागत किया है. अधिवक्ता ने कहा कि वह और सभी एडमिन पुलिस को जांच में सहयोग देंगे और कानून अपना काम करेगा, लेकिन व्हाट्सएप ग्रुप के गठन के औचित्य पर भी जानकारी देंगे.
कुलविंदर सिंह के अनुसार सीजीपीसी के कुछ पदाधिकारी के आपराधिक पृष्ठभूमि के साथ-साथ राष्ट्र विरोधी चरित्र की भी जांच जरूरी है. साकची स्थित सीजीपीसी मुख्यालय में विरोधी विचारधारा को कुचलना, दबाना और नहीं मानने पर पिटाई करना जैसा काम होता रहा है.
सीजीपीसी मुख्यालय में बैठकर अपने लोगों को लोकल गुरुद्वारा में प्रधान बनाने की साजिश रचना, जिससे अगला चुनाव आसानी से जीत सके और कोई चुनौती सामने नहीं आए.
साल 2022 का चुनाव सरदार भगवान सिंह ने किस तरीके से जीता था पूरा शहर जानता है और वही प्रक्रिया उन्होंने रविवार को साकची में दोहराई. गत शनिवार को लोकल गुरुद्वारा के कई प्रधान के सामने भगवान सिंह शैलेंद्र सिंह के उपस्थिति में जसबीर सिंह छिरे, सुखविंदर सिंह राजू, अजीत सिंह गंभीर ने किसके घर पर हमला करने की बात कह कर ललकारा था, और सभी को चलने को कहा था. भगवान सिंह क्यों खामोश रहे. मुझ पर उनके कार्यालय में दो बार हमला हुआ वह क्यों खामोश रहे?
कुलविंदर सिंह के अनुसार भगवान सिंह और शैलेंद्र सिंह का दोहरा चरित्र सामने लाने में सफल रहा हूं. एक तरफ इनका प्रतिनिधिमंडल डीसी, एसएसपी, एसपी, एसडीओ, मंत्री विधायक से मिलकर आग्रह करता है कि समाज के किसी तरह के मामले को सीजीपीसी को भेज दिया जाए, वहां आपसी सद्भाव से मामला सुलझाया जाता है. उनका कथन पूरी तरह बकवास है वहां फैसला सामने वाले की हैसियत, ताकत, जनबल के आधार पर होता है. यदि कमजोर पक्ष उनके फैसले से सहमत नहीं होता है तो उसकी पिटाई दफ्तर में होती है, मामले को दबाने के लिए प्रेस में मनगढ़ंत बयान दिए जाते हैं. कुलविंदर सिंह के अनुसार उन पर हिंदूवादी होने का आरोप लगाकर संगत को भड़काया गया और हटवाया गया और हमला किया गया.