- समाज सुधारक और नारी शिक्षा की पक्षधर अहिल्याबाई के योगदान को याद किया गया
फतेह लाइव, रिपोर्टर
सिंदरी के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में समाज सुधारक, धर्मनिष्ठा और नारी शिक्षा की पक्षधर लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई. विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने अहिल्याबाई होलकर के जीवन और उनके योगदान पर प्रकाश डाला. विशेष रूप से, बालिका शिक्षा और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में उनके योगदान को सराहा गया. विद्यालय के प्रधानाचार्य ने कहा, “अहिल्याबाई होलकर नारी शक्ति की प्रतीक थीं और उन्होंने उस समय में भी नारी शिक्षा की अलख जगाई, जब महिलाएं सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन का सामना कर रही थीं.”
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अहिल्याबाई होलकर के योगदान को याद करते हुए सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. माया राजनारायण राय ने अपने वक्तव्य में कहा, “हमारे कॉलेज में छात्राओं की संख्या कम हो सकती है, लेकिन हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हर कार्यक्रम में उनकी बराबरी की भागीदारी हो. मैंने खुद सिविल इंजीनियर के रूप में कई चुनौतियों का सामना किया और यह मुझे कभी डराने का कारण नहीं बना. मुझे विश्वास है कि महिलाओं के योगदान को हमेशा समाज में पहचाना जाना चाहिए, जैसे मैडम क्यूरी, सुधा मूर्ति, और सोफिया जैसी महिलाओं के योगदान को याद किया जाता है.”
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डॉ. माया राय ने महिलाओं के योगदान और बराबरी के अधिकारों पर जोर दिया
कार्यक्रम का समापन “कोटिश: नमन” के साथ हुआ, जहां सभी उपस्थित व्यक्तियों ने देवी अहिल्याबाई होलकर के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया. छात्रों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिनमें कविताएं, भाषण और नृत्य शामिल थे. इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे. यह कार्यक्रम समाज सुधार और नारी शिक्षा के क्षेत्र में देवी अहिल्याबाई होलकर के योगदान को सम्मानित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था.