- 75 साल पार कर चुके सांसद पीएन की जगह लेने की चाहत
- भाजपा का निर्णय, 75 पार कर चुके नेता नहीं लड़ सकते चुनाव
- दामोदर बचाओ आंदोलन के जरिए सालों से जुड़े रहे हैं सरयू राय
- मरांडी की घर वापसी के बाद धनबाद प्रभारी बनाए गए थे अभय
Charanjeet Singh.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय हराकर झारखंड की राजनीति को झकझोर चुके सरयू राय की भाजपा में वापसी होती है, तो वे धनबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं. उनकी यह इच्छा छिपी नहीं है. जब वे भाजपा में थे, तब भी धनबाद लोकसभा सीट से दावेदार रहे हैं. दामोदर बचाओ आंदोलन के जरिए धनबाद में वे सक्रिय हुए तो आजतक वहां से नाता नहीं तोड़े हैं. सिर्फ सरयू राय ही क्यों, जमशेदपुर पूर्वी से ही पिछले दो विधानसभा चुनावों में रघुवर दास से टकरा रहे भाजपा नेता अभय सिंह की निगाहें भी कोयलांचल पर है.
अविभाजित बिहार के जमाने से बाबूलाल मरांडी के साथ परछाई की तरह रहने वाले भाजपा नेता अभय सिंह कोयलांचल में सियासी राह खोज रहे हैं. वे लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते है, अगर जमशेदपुर या धनबाद से मौका मिले तो. पिछले विधानसभा चुनाव में झाविमो की करारी हार के बाद बाबूलाल मरांडी की भाजपा में वापसी हुई तो उसके बाद अभय सिंह को भाजपा का धनबाद जिला प्रभारी बनाया गया. धनबाद के प्रभारी रहते अभय सिंह को अंदाजा हो गया कि धनबाद से लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का टिकट मिल जाय तो चुनावी नैया आसानी से पार हो जाएगी. अभय सिंह ने भाजपा नेतृत्व के आगे अपनी इच्छा व्यक्त नहीं की है. मगर बाबूलाल मरांडी तक यह बात जा चुकी है.
वैसे, धनबाद लोकसभा क्षेत्र से धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा, धनबाद नगर निगम के मेयर रह चुके चंद्रशेखर अग्रवाल, बाघमारा विधायक ढुलू महतो, सिंह मेंशन के पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह, संजीव सिंह के भाई सह जनता मजदूर संघ के नेता सिद्धार्थ गौतम के अलावा सीसीएल के एमडी रह चुके गोपाल सिंह भी धनबाद सीट से भाजपा टिकट के दावेदार हैं.
इनके अलावा और भी कई चेहरे हैं जो परदे के पीछे से मेहनत कर रहे हैं। एक और अहम बात। चतरा के भाजपा सांसद सुनील सिंह को भी धनबाद की राजनीतिक आबोहवा बेहद भाती है. अगर भाजपा नेतृत्व को धनबाद के लिए उनका चेहरा भा गया तो सुनील सिंह को बल्ले बल्ले हो जाएगी.
कोयलांचल यानी धनबाद. धनबाद लोकसभा क्षेत्र से पीएन सिंह फिलहाल भाजपा सांसद हैं. पशुपति नाथ सिंह को उन्हें चाहने वाले पीएन सिंह के नाम से पुकारते हैं. प्यार से लोग उन्हें पान वाले बाबा भी कहते हैं. 75 साल की उम्र पार चुके हैं. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद भाजपा नेतृत्व ने तय किया है कि 75 साल पार कर चुके नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया जाएगा. उन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया जाएगा. जाहिर है, दो से तीन महीने के भीतर होने वाले लोकसभा चुनाव में पीएन सिंह को भाजपा टिकट मिलने की संभावना बेहद क्षीण वे. संभावना खत्म होने की बात नहीं कह सकते. कारण कि राजनीति में कुछ भी संभव है. खैर, मार्गदर्शक मंडल के लिए निर्धारित नीति का असर धनबाद लोकसभा सीट की उम्मीदवारी पर पड़ने की परिस्थिति को भांपते हुए एक अनार के कई बीमार हो चुके हैं. हां, यह संभावना जरूर है कि भाजपा नेतृत्व पीएन सिंह की राय पर भी जरूर गौर करेगा. आखिर वे झारखंड भाजपा के शीर्ष नेताओं में शामिल रहे हैं.
नाम धनबाद मगर परिणाम तय करता है बोकारो
लोकसभा क्षेत्र का नाम धनबाद अवश्य है। लोकसभा चुनाव में मतदाता के अंक गणित पर गौर करे तो चुनाव परिणाम तय करने में बोकारो जिला के नागरिक महती भूमिका अदा करते रहे हैं. धनबाद लोकसभा क्षेत्र में बोकारो जिला का बोकारो एवं चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र आता है.
धनबाद जिला का धनबाद, झरिया, सिंदरी एवं निरसा विधानसभा क्षेत्र भी धनबाद लोकसभा सीट का हिस्सा है. मतदाताओं के लिहाज से देखा जाय तो पूरे झारखंड में बोकारो ऐसा विधानसभा क्षेत्र है, जहां सबसे अधिक मतदाता हैं. पांच लाख से भी अधिक. चंदनकियारी भी मतदाताओं की संख्या के लिहाज से टॉप दस में हैं. दोनों विधानसभा क्षेत्र पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है. बोकारो से बिरंची नारायण विधायक है, तो चंदनकियारी से अमर कुमार बाउरी जो अभी भाजपा विधायक दल के नेता हैं.
धनबाद से भाजपा टिकट के दावेदार
धनबाद विधायक राज सिन्हा, बाघमारा विधायक ढुलू महतो, बोकारो विधायक बिरंची नारायण, भाजपा के धनबाद प्रभारी रहे अभय सिंह, धनबाद नगर निगम के पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, सिंह मेंशन से ताल्लुक रखने वाले पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह और जनता मजूदर संघ संभालने वाले उनके भाई सिद्धार्थ गौतम, सेंट्रल कोल फील्ड लिमिटेड के पूर्व एमडी गोपाल सिंह समेत अन्य.
मौका मिला तो बन्ना को भी कोयला राजधानी से गुरेज नहीं
जमशेदपुर पश्चिम से कांग्रेस विधायक बन्ना गुप्ता झारखंड के स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री हैं. हेमंत सरकार में धनबाद जिले के प्रभारी मंत्री रहे हैं. बन्ना गुप्ता की पत्नी सुधा देवी के रिश्तेदार कतरास में रहते हैं. प्रभारी मंत्री रहते बन्ना गुप्ता की धनबाद में खूब सक्रियता रही है. धनबाद लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेसियों ने बन्ना गुप्ता को आमंत्रित किया है. बन्ना गुप्ता का भी आकलन है कि मौका मिला तो धनबाद में धमाल मचाया जा सकता है.
पीएम आ रहें, सक्रियता दिखा रहें दावेदार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक मार्च को धनबाद में कार्यक्रम प्रस्तावित है. जल्द ही लोकसभा चुनाव की अधिसूचना निर्गत होनी है. जाहिर है धनबाद लोकसभा सीट से टिकट के दावेदार कई ज्यादा सक्रिय हो चुके हैं. कोशिश है अपने काम या और किसी भी जरिये प्रधानमंत्री तक उनका नाम जाए.