- वैश्विक स्तर पर स्टील की बढ़ती मांग से कंपनी की ताकत बनेगी मजबूत
- टाटा स्टील के निवेश और चिकित्सा क्षेत्र में योगदान पर विस्तार
फतेह लाइव, रिपोर्टर
टाटा स्टील के संस्थापक दिवस के मौके पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन जमशेदपुर में किया गया, जहां टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने जमशेदजी नुसरवानजी टाटा (जे.एन. टाटा) की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम के दौरान टाटा स्टील के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. यह आयोजन टाटा स्टील के इतिहास और उसके योगदान को याद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था. एन. चंद्रशेखरन ने अपने भाषण में टाटा स्टील के लिए भविष्य की योजनाओं और संभावनाओं को साझा किया.
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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एन. चंद्रशेखरन ने बताया कि टाटा स्टील के लिए जमशेदपुर हमेशा प्राथमिकता में रहेगा, क्योंकि कंपनी की नींव यहीं रखी गई थी. उन्होंने कहा कि टाटा स्टील अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने की योजना बना रही है, जिससे जमशेदपुर में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे. वैश्विक स्तर पर स्टील की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है, जो टाटा स्टील को और अधिक ताकत देगी. इस वृद्धि के साथ कंपनी को अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता होगी, जिसके लिए कर्मचारियों और सरकार का सहयोग अहम रहेगा. इसके साथ ही, एन. चंद्रशेखरन ने उत्पादन लागत को कम करने और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने का भी संकेत दिया.
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एन. चंद्रशेखरन ने यह भी बताया कि टाटा स्टील सिर्फ स्टील उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि कंपनी अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी निवेश कर रही है. हाल ही में, कंपनी ने गुजरात में सेमीकंडक्टर चिप्स प्लांट और असम में अन्य परियोजनाओं में निवेश किया है, क्योंकि वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस, रक्षा और बैटरी निर्माण के क्षेत्रों में चिप्स की भारी मांग है. इसके अलावा, टाटा स्टील चिकित्सा क्षेत्र में भी योगदान दे रही है. कंपनी ने मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की है और उन बीमारियों पर अनुसंधान कर रही है जिनका भारत में अभी तक प्रभावी इलाज नहीं है. यह दिखाता है कि टाटा स्टील केवल व्यवसायिक लाभ के लिए काम नहीं कर रही है, बल्कि समाज और देश के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.