फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जमशेदपुर के नामदाबस्ती गुरुद्वारा के प्रधान पद को लेकर होने वाले चुनाव की सरगर्मी बढ़ी हुई है. 34 घंटे बाद मतदान होना है. दो उम्मीदवार क्रमशः पक्ष से दलजीत सिंह (शेर छाप) और अवतार सिंह (तराजू छाप) मैदान में हैं. दोनों ओर से चुनाव में जीत को लेकर जोर लगाया जा रहा है. इसी सरगर्मी के बीच शुक्रवार को अवतार सिंह फतेह लाइव के सामने आये. अपने प्रतिद्वन्दवी उम्मीदवार और उनके खेमे पर आरोपों की झड़ी लगाई. अवतार सिंह को लीड कर रहे गुलशन सिंह ने कहा कि पौने 11 साल की लंबी जिच के बाद चुनाव को चुना गया है. इस पूरे कार्यकाल का हिसाब सामने वाले खेमे ने सार्वजनिक नहीं किया गया है. इस तरह के बहुत सारे सवाल हैं, जो अनसुलझी पहेली बना दिए गए हैं. बहुत जोर लगाया गया कि हिसाब किताब लिया जाये, लेकिन उन्होंने हिसाब नहीं दिया. गुलशन सिंह ने कहा कि अकॉउंट किसी भी संस्था का ऑक्सीजन होता है.

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उसे ऑडिट कराके नोटिस पर लगाया जाता है, जो संगत का विश्वास होता है, लेकिन इन्होंने संगत के साथ विश्वासघात किया है. इसके लिए चार साल पहले से ही हमारी टीम मुहिम चला रही थी, सीजीपीसी को भी लिखा, लेकिन नतीजा सिफर रहा. अंततः चुनाव की ओर पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे उम्मीदवार अवतार सिंह टाटा मोटर्स से रिटायर हैं. स्वच्छ छवि के हैं. 28 सालों से कैशियर हैं. अपने कार्यकाल में इनके ऊपर एक भी दाग नहीं लगा. 11 सालों में 44 बार गोलक खोली गई है उसका हिसाब नहीं दिया गया है. ऐसे में अवतार सिंह के तराजू छाप पर मोहर लगाने की संगत से हम अपील करते हैं.

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वहीं उम्मीदवार अवतार सिंह ने दलजीत पर पलटवार किया. कहा कि जिन पाठी सिंहों की फोटो लगाकर वह बयानबाजी करवा रहे हैं उनमें एक रिश्तेदार है. बाकी नामदाबस्ती के नहीं हैं. नौजवानों को जो पंथ से जोड़ने की बात कर रहे हैं, वह ढकोसले हैं. उन्हें संगत मौका देती है तो वह ईमानदारी से सबको साथ लेकर सेवा करेंगे.

अवतार सिंह के अन्य समर्थक रंजीत सिंह ने भी महेन्द्र सिंह के कार्यकाल में हिसाब किताब की गड़बड़ी को दोहराया. कहा कि उनके कार्यकाल में गुरुद्वारा का कार्यालय उनके घर शिफ्ट हो गया. बैंक कि बजाय जेब से अकाउंट संचालित होने लगा. गुरुद्वारा का जो विकास हुआ वह स्थानीय राजू डिश वाले, कमल बाबू आदि संगत की सेवा से हुआ है. अवतार सिंह को संगत मौका दे हम कार्यालय बनाएंगे. इसके साथ अपने सभी वादे एक साल में पूरे करेंगे.

इस दौरान विपक्ष के लिए किंगमेकर की भूमिका निभा रहे जगतार सिंह, पूर्व प्रधान कुंदन सिंह, गुरदयाल सिंह, तरसेम सिंह, बलकार सिंह, हरजिन्दर सिंह, परमजीत सिंह रूबी, रतन सिंह आदि समर्थक मौजूद थे.

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