फतेह लाइव, रिपोर्टर.

हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था…,मेरी कस्ती थी वहां डूबी जहां पानी कम था….यह बोल जमशेदपुर में सिख समाज पर सटीक फिट होती है. हो भी क्यों नहीं क्यूंकि यहां सभी अपनों की टाँग ही खींचने में खुद की मूंछ उंची समझते हैं, फिर चाहे वह गुरुद्वारों की राजनीति हो या फिर कोई राजनीतिक पार्टी. पिछले दिनों लोकसभा चुनाव में सिखों की आपसी एकता को सभी ने देखा था. अभी तक वह चर्चा खत्म हुई नहीं है कि इधर, भाजपा के एक सिख नेता पर राजनीति शुरु हो गई है.

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दरअसल, भाजपा के पूर्व जिला मंत्री मंजीत सिंह गिल को अल्पसंख्यक मोर्चा का जिला अध्यक्ष बनाने की तैयारी चल रही है. इसी बीच मंजीत सिंह गिल ने अपने सामाजिक कार्यों के तहत सीजीपीसी जाकर प्रधान, चेयरमैन को चेतना मार्च में जिम्मेदारी मिलने के लिए मुंह मीठा करा दिया. बस फिर क्या था मंजीत की सोशल मीडिया में सिख नेता खिंचाई कर रहे हैं. खिंचाई करें भी क्यों नहीं, लोस चुनाव में मंजीत गिल भी खुलकर सीजीपीसी का विरोध कर रहे थे और सीजीपीसी पदाधिकारियों के फैसले को गलत बता रहे थे. मंजीत ने कई बार बयानबाजी भी की थी. अब वही मंजीत जब सीजीपीसी की शरण में चले गए तो उनकी खूब खिंचाई सोशल मीडिया में चल रही है.

इधर, एक भाजपा कार्यकर्त्ता जसवंत सिंह गिल ने इसे लेकर मंजीत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जसवंत ने भाजपा महानगर में अल्पसंख्यक मोर्चा का जिला अध्यक्ष मंजीत सिंह गिल के नाम की दावेदारी करने पर जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा प्रश्न खड़े करते हुए अलाकमान से शिकायत की है. जसवंत की शिकायत के अनुसार क्या भाजपा महानगर से मुस्लिम समाज को दरकिनार किया जा रहा है और उस पर भी ऐसे व्यक्ति मंजीत सिंह गिल के नाम पर विचार किया जा रहा है, जो अल्पसंख्यक में बहुल अल्पसंख्यक से नहीं है. समाज में उसकी उसी के समाज वाले भाजपा से हटकर विरोधी दल के लिए काम करने का आरोप लगा रहे हैं.

इसी सब बातों को लेकर सिख समाज से भाजपा नेता जसवंत सिंह गिल शुक्रवार को रांची में संगठन महामंत्री करमवीर सिंह से मिलने पहुंचे. जहां मंजीत सिंह गिल की छवि के खिलाफ पार्टी विरोधी कार्य करने की लिखित शिकायत सबूतों के साथ की और बताया की अगर मंजीत सिंह गिल अल्पसंख्यक मोर्चा का जिला अध्यक्ष बनता है तो भाजपा की छवि सिख समुदाय और मुस्लिम समुदाय दोनों में गलत जायेगी.
करमवीर सिंह ने सारी बातों को गंभीरता से लेते हुए जसवंत सिंह गिल को आश्वासन दिया है की इस बात को गंभीरता से लेंगे, क्यों की मंजीत सिंह गिल की ऐसी बहुत सारी शिकायतें आ चुकी हैं.

उन्होंने चेताते हुए कहा कि जो भी संगठन के खिलाफ कार्य करेगा, पार्टी उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करेगी। शिकायत कि प्रति प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, सांसद, जिला अध्यक्ष और अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनवर हैयात को भी दी गई है. उधर, आपको बता दें कि सोशल मीडिया में लोस चुनाव में सिख नेताओं द्वारा निकाली गई बाइक रैली और खालसा क्लब में हुई सभा के खर्च भी मतभेद चल रहे हैं.

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