फतेह लाइव, रिपोर्टर
भारत सरकार, एमएसएमई मंत्रालय, शाखा एमएसएमई-विकास कार्यालय, धनबाद द्वारा खरीद एवं विपणन सहायता योजना (PMS Scheme) के तहत एक दिवसीय निर्यात संवर्द्धन एवं जेम (GeM) पर राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी का आयोजन 20 दिसम्बर को नगर भवन, गिरीडीह में किया गया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा एमएसएमई इकाईयों को निर्यात संवर्द्धन, जेम (GeM), नए बाजार सृजन, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में नवीनतम चलन, निर्यात की प्रक्रिया, निर्यात संबंधित दस्तावेजीकरण इत्यादि के बारे में वृहद रुप से जानकारी देना एवं जागरुक करना है. इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि उपायुक्त, गिरिडीह, नमन प्रियेश लकड़ा एवं मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एवं सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम के संयोजक सुजीत कुमार, सहायक निदेशक द्वारा किया गया.
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पवन कुमार सिंह, आईईडीएस, उप निदेशक, एमएसएमई, नई दिल्ली द्वारा एमएसएमई उद्यमियों के लिए उपलब्ध योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया. उन्होंने बताया कि अब भारत सरकार द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि एक ही पोर्टल के माध्यम से उद्यमियों को सभी योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए पंजीकृत किया जा सके. उद्यमियों को सीजीटीएमएसई योजना के तहत उपलब्ध कोलैटरल फ्री ऋण की सीमा 1 करोड़ से 5 करोड़ तक बढ़ा दी गई है. इसके अलावा प्रयास किया जा रहा है कि अन्य योजनाओं के तहत उपलब्ध ऋण की राशि भी बढ़ाई जा सके. एफजीसीसीआई के अध्यक्ष निर्मल झुनझुनवाला एवं माइका एक्सपोर्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश छापरिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि झारखंड में निर्यात की प्रचुर संभावना है. उन्होंने कहा कि इस सेमिनार से झारखंड के उद्यमियों को बहुत लाभ होगा. उन्होंने सेमिनार में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को इस संगोष्ठी में आए विशेषज्ञों के ज्ञान का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया तथा आशा जताई कि इससे गिरिडीह जिले के उद्योगों का विकास होगा जो सामुहिक रूप से झारखंड एवं देश के समग्र विकास में सहयोग करेगा.
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गिरीडीह सर्कल के वरिष्ठ डाक अधीक्षक संजय कुमार संगम ने डाक घर निर्यात केंद्र की गतिविधियों एवं निर्यात को बढ़ाने में उनकी भूमिका के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी. उन्होंने इस स्तर के कार्यक्रमों के आयोजन को वर्तमान समय में निर्यात संवर्द्धन हेतु अत्यंत आवश्यक बताया. उप आंचलिक प्रबंधक, बैंक ऑफ इंडिया, बोकारो के निकुंज जैन ने बैंक द्वारा एमएसएमीई उद्यमियों को दी जा रही ऋण सुविधाओं की जानकारी दी. उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों से बैंक आकर अपने अधिकारियों से मिलने का आग्रह किया जिससे बैंक उन्हें एक्सपोर्ट क्रेडिट स्कीम एवं अन्य योजनाओं के तहत उपलब्ध ऋण प्रदान करने में उनकी सहायता कर सकें. आईईडीएस के संयुक्त निदेशक इंद्रजीत यादव एवं कार्यालय प्रमुख, एमएसएमई-विकास कार्यालय, राँची ने कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रूप-रेखा से अवगत कराया तथा सभी प्रतिभागी उद्यमियों से इस संगोष्ठी में शामिल हो रहे डाक घर निर्यात केंद्र के अधिकारियों एवं फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन ‘फियो’ से निर्यात की प्रक्रिया एवं दस्तावेजीकरण संबंधित अनुभव का लाभ लेने की अपील की जिससे वे अपने उत्पादों का निर्यात विदेशों में कर सकें एवं अपने उद्यमों का विकास सुनिश्चित कर सकें. साथ ही उन्होंने विशेषकर जेम (GeM) के विशेषज्ञों को ज्यादा ध्यान देकर सुनने एवं सीखने की बात कही जिससे वे सरकारी खरीद के ज्यादा से ज्यादा हिस्से के आपूर्तिकर्ता बन सके.
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मुख्य अतिथि नमन प्रियेश लकड़ा ने कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में अपने अभिभाषण में कहा कि इस तरह के कार्यक्रम उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए समय की मांग है. इससे सभी वर्ग के एमएसएमई उद्यमियों को व्यापार जगत में आ रहे बदलाव की अद्यतन जानकारी प्राप्त हो सकेगी तथा वे अपने उत्पादों को निर्यात के माध्यम से नए विदेशी बाजारों तक पहुंचा कर अपने उद्यमों का बेहतर विकास कर सकेंगे. उन्होंने सभी एमएसएमई प्रतिभागियों को झारखंड सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड सरकार की तरफ से नई एक्सपोर्ट प्रोमोशन पॉलिसी लाई जा रही है. जेम के संबंध में उन्होंने कहा कि इस माध्यम से हमारे झारखंड राज्य के उद्यमी देश के अन्य राज्यों में स्थित सरकारी संस्थानों को भी अपने उत्पाद बेच सकेंगे और अपना सर्वांगीण विकास कर सकेंगे. इस प्रकार के संगोष्ठी के आयोजन के लिए भारत सरकार के शाखा एमएसएमई विकास कार्यालय, धनबाद को बधाई दी.