फतेह लाइव, रिपोर्टर.
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्मस्थली का प्रबंध करने वाली तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधन कमेटी के प्रति पटना हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए चार सप्ताह के भीतर वोटर लिस्ट उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने साफ़ कहा है कि यदि ऐसा करने में पक्ष असफल रहते हैं तो कोर्ट कठोर आदेश जारी करने से गुरेज नहीं करेगा। जस्टिस डॉ अंशुमन की एकल पीठ ने दोनों सिविल याचिका के उभय पक्षों को सुनने के बाद टिप्पणी की कि पक्षकार बेवजह इस मामले को लंबा खींच रहे हैं।
इसके साथ ही हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चार सप्ताह के भीतर संपूर्ण वोटर लिस्ट को उपलब्ध करा दिया जाए अन्यथा कठोर आदेश जारी किया जाएगा और इसके साथ ही सुनवाई की तिथि 26 सितंबर मुकर्रर कर दी।
उल्लेखनीय है कि जुलाई 2023 में ही वर्तमान प्रबंधन कमेटी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। वोटर लिस्ट तथा अन्य मुद्दों पर पूर्व महासचिव महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन ने सिविल रिट संख्या 10393/2023 में वर्तमान महासचिव इंद्रजीत सिंह, बिहार राज्य, बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार निर्वाचन आयोग के सचिव एवं सलाहकार तथा हरगोविंद सिंह ने सिविल रिट संख्या15387 /2023 में बिहार राज्य एवं अन्य को प्रतिवादी बना रखा है और दोनों रिट की सुनवाई एक साथ चल रही है।
हाई कोर्ट के इस रुख के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गुटबाजी से उठकर तख्त श्री हरमंदिर जी प्रबंधन कमेटी के वर्तमान अध्यक्ष सरदार जगजोत सिंह सोही और महासचिव इंद्रजीत सिंह बैठक बुलाकर चार सप्ताह के भीतर वोटर लिस्ट को कैसे अंतिम रूप देते हैं? पहले भी इस खेमेबाजी से नाराज हाईकोर्ट ने गुरु गोविंद सिंह जी के पदचिन्हों और सिद्धांतों पर चलने की सलाह दी थी।
याचिकाकर्ता महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन का वरीय अधिवक्ता अंजनी कुमार, याचिकाकर्ता हरगोविंद सिंह का पक्ष अधिवक्ता वलीउर रहमान, प्रतिवादी महासचिव इंद्रजीत सिंह का वरीय अधिवक्ता बिंध्याचल राय एवं प्रतिवादी बिहार राज्य का एटॉर्नी जेनरल पीके शाही ने पक्ष रखा।
पटना हाई कोर्ट के रुख के बाद संस्था कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलबिंदर सिंह ने उम्मीद जताई है कि वोटर लिस्ट तैयार कर हाई कोर्ट के सुपुर्द कर दी जाएगी जिससे चुनाव का मार्ग प्रशस्त हो सके।