पार्टी में जारी संतुष्टि पड़ सकती है भाजपा उम्मीदवार पर भारी
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
घाटशिला विधानसभा के मतदान के लिए अभी 3 सप्ताह का समय बचा है. ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भारतीय जनता पार्टी को जोर का झटका धीरे से दे दिया है. भारतीय जनता पार्टी के घाटशिला विधानसभा के पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू के झारखंड मुक्ति मोर्चा में आने के बाद अब झामुमो खेमे में निश्चित तौर पर मजबूती आ गई है. उधर दूसरी ओर एआइएमआइएम के विधानसभा प्रत्याशी जुझार सोरेन भी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं. खबर है कि अभी और कई प्रमुख नेता झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थामने वाले हैं. उधर दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कुछ दिन पहले ही माझी परगना महाल भवन के अग्रिम छोर पर अपना एक कार्यालय भी ले लिया है, जिसमें प्रतिदिन काफी संख्या में नेता व कार्यकर्ता बैठक करते रहते हैं.
उधर दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन जब सोमवार को घाटशिला पहुंचे तो यहां कार्यकर्ताओं के साथ अनौपचारिक बैठक में केवल भाजपा की संगठन मंत्री गीता मुर्मू को छोड़कर कोई भी रायशूमारी की अग्रिम पंक्ति में शामिल नेता नजर नहीं आया, जबकि पार्टी प्रत्याशी घोषणा होने के पहले काफी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के नेता सक्रिय थे. ऐसे में यह तय है की पार्टी में बाबूलाल सोरेन को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद कहीं ना कहीं असंतोष जरूर है. इससे भले ही पार्टी का नेता स्वीकार नहीं करे.
उधर दूसरी ओर लक्ष्मण टुडू के झारखंड मुक्ति मोर्चा ज्वाइन करने के बाद अब जहां मज़बूत स्थिति में दिखाई दे रहा है. इसके अलावा कुणाल सारंगी के भी झामुमो में आने के बाद बहरागोड़ा के अलावा घाटशिला में भी अच्छा प्रभाव पड़ने की संभावना है, क्योंकि कुणाल सारंगी ने घाटशिला के युवाओं में एक अच्छा प्रभाव छोड़ा है, जिसका सीधा असर विधानसभा चुनाव पर दिखेगा.
उधर दूसरी ओर भाजपा के प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में अपना जनसंपर्क चलाए हुए हैं. सोमवार को भी उन्होंने अपना जनसंपर्क जारी रखा, हालांकि भारतीय जनता पार्टी में जारी असंतुष्टि ज्यादा दिनों तक चली तो यह पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है, फिलहाल भाजपा व झाममो के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक दल घाटशिला विधानसभा में रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं.