- पोटका विधायक संजीव सरदार ने शिक्षा मंत्री से की मुलाकात
- भूमिज भाषा को परीक्षा में शामिल करने की अपील
फतेह लाइव, रिपोर्टर


झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) में भूमिज भाषा को शामिल करने की मांग को लेकर पोटका विधायक संजीव सरदार के नेतृत्व में भूमिज समाज के एक प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से मुलाकात की. प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि झारखंड अधिविद्य परिषद (JAC) द्वारा आयोजित परीक्षा में राज्य की 15 भाषाओं को शामिल किया गया है, लेकिन भूमिज भाषा को इस सूची से बाहर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि भूमिज भाषा झारखंड की प्रमुख जनजातीय भाषा है, और इसे इस परीक्षा में स्थान मिलना चाहिए.
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भूमिज भाषा की मान्यता पर पुनः विचार की अपील
प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि पहले झारखंड सरकार ने शिक्षक भर्ती नियमावली-2012 और 2016 में भूमिज भाषा को मान्यता दी थी. इसके तहत, भूमिज भाषा को कोड संख्या-57 प्रदान किया गया था और इसे झारखंड वनारक्षी प्रतियोगिता परीक्षा-2014 और झारखंड प्रतियोगिता परीक्षा-2015 में भी शामिल किया गया था. इस प्रक्रिया से समाज के कई युवा सरकारी नौकरी प्राप्त कर पाए थे. हालांकि, वर्ष 2023 में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की परीक्षाओं से भूमिज भाषा को हटा दिया गया, जिससे हजारों युवा प्रभावित हुए हैं. अब शिक्षक पात्रता परीक्षा-2024 में भी इस भाषा को शामिल नहीं किया गया है, जिससे भूमिज समाज में असंतोष बढ़ रहा है.
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शिक्षा मंत्री ने मामले पर विचार करने का दिया आश्वासन
विधायक संजीव सरदार ने कहा कि झारखंड में भूमिज जनजाति की आबादी लाखों में है और भूमिज भाषा मातृभाषा के रूप में पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, रांची, धनबाद और बोकारो जिलों में बोली जाती है. उन्होंने यह मांग की कि शिक्षक पात्रता परीक्षा-2024 में भूमिज भाषा को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए, ताकि इस भाषा के जानकार युवा भी शिक्षक बनने के अवसर से वंचित न हों. शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए आश्वासन दिया कि सरकार इस पर विचार करेगी और उचित निर्णय लिया जाएगा.