फतेह लाइव, रिपोर्टर.


जमशेदपुर के पोटका में गोयालकाटा पंचायत अंतर्गत गोड़ ग्राम में आदिवासी सोशियो सामाजिक शिक्षण संस्कृतिक संघ एसोसिएशन के माध्यम से संथाली भाषा 1971 से शुरूआत किया गया था, जिसके तहत प्रत्येक वर्ष माघ पूर्णिमा में विदु चांदान बोंगा को संपन्न किया जाता है. इस वर्ष बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि अल चिकी लिपि का 100 साल पूर्ण हो चुका है. इसलिए शताब्दी वर्ष का अंतिम भी है. इस ब्रांच द्वारा छात्र- छात्राएं को अल चिकी लिपि से पढ़ाया जाता रहा है. वही संथाल समुदाय के लोगों के द्वारा माघ पूर्णिमा के दिन विदु चांदान का भक्ति भाव से पूजा अर्चना किया गया. बिदु चांदान शिक्षा के बोंगा बुरु है.
संथाल समुदाय का बना है कि शिक्षा के देवता होने के साथ-साथ परिवार के सुख शांति के भी देवता है. इस कार्यक्रम में कई गांव से आदिवासी समुदाय के लोग शामिल होते हैं. कार्यक्रम में समाज के बुद्धिजीवी, माझी, परगना, के साथ-साथ कई लेखक, विद्यार्थी, आदि शामिल रहे. मौके पर सलाहकार जगन्नाथ हांसदा, अध्यक्ष कुमार हांसदा, शाखा सचिव सुरई माझी, महासचिव मान सिंह हेंब्रम, कुमार चंद्र माडीॅ, रघुनाथ हांसदा, फुल मनी बास्के, स्वन्ती हांसदा, देवला मुर्मू, पमा किस्कु, लखन सोरेन, जादू हेंब्रम, सुभाष मुर्मू, आदि उपस्थित रहे.