• संघर्ष और मेहनत से बने प्रेरणास्रोत, अब न्याय के क्षेत्र में करेंगे योगदान

फतेह लाइव, रिपोर्टर

पोटका प्रखंड के माटकू पंचायत के निवासी जन्मेजय सरदार ने जीवन में संघर्ष और समर्पण की एक मिसाल कायम की है. बचपन में पिता के साया से दूर होने के बावजूद, पिता की दूरदर्शिता और परिवार की आर्थिक मदद से श्यामा प्रसाद उच्च विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की. 1983 में माध्यमिक विद्यालय उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम में 36 वर्षों तक बंगाल, बिहार, झारखंड में सेवाएँ दीं. नौकरी के दौरान स्नातक की डिग्री हासिल की और प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए. शिक्षा के प्रति गहरी रुचि रखने वाले जन्मेजय सरदार ने कभी हार नहीं मानी और नेताजी यूनिवर्सिटी जमशेदपुर से एलएलबी में दाखिला लेकर वकील बनने का निर्णय लिया.

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गाजुड़ संस्था के संस्थापक जन्मेजय सरदार अब अपने अनुभव और ज्ञान का उपयोग न्याय क्षेत्र में जनता की सेवा के लिए करना चाहते हैं. उनकी मेहनत, लगन और उच्च आदर्श युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. वे न्यायिक क्षेत्र में समाज के कमजोर वर्गों की आवाज बनकर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे. जन्मेजय सरदार का यह कदम समाज में न्याय और समानता के संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है.

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