फतेह लाइव, रिपोर्टर.
टाटानगर में रेलवे की जमीन के बंदरबांट के खेल में लोको शेड के सीनियर टेक्नीशियन सुनील कुमार पिल्लै के आत्मदाह का मामला एक बार फिर ताजा हो गया है. यह मामला भले ही धन शक्ति के इस्तेमाल या एन केन प्रकरण टाटानगर में दबाया जा रहा है, लेकिन सूचना के अधिकार में यह मामला रेल अधिकारियों के गले की फांस बना हुआ है. ताजा मामले में केंद्रीय सूचना आयुक्त बिनोद कुमार तिवारी ने गत पांच मार्च को सुनवाई करते हुए चक्रधरपुर रेल मंडल के जन सूचना पदाधिकारी सह सीनियर डीपीओ डॉ ऋषभ सिन्हा को आदेश करते हुए चार सप्ताह के अंदर पूरी सूचना उपलब्ध कराने को कहा है. सूचना नहीं दिये जाने पर चेतावनी दी गई है कि सीनियर डीपीओ को पेनाल्टी के साथ शो-कॉज किया जाएगा. इसके बाद जन सूचना पदाधिकारी ने आनन फानन शिकायतकर्ता आरटीआई कार्यकर्त्ता सह जिला कांग्रेस आरटीआई सेल के चेयरमैन कमलेश कुमार को सूचना उपलब्ध कराई.
इस पर कमलेश कुमार ने 18 अप्रैल को जन सूचना पदाधिकारी को पत्र लिखा और कहा कि पूर्व में दी गई सूचनाओं को ही दोहराते हुए अपिलार्थी एवं सूचना आयोग के आंख में धूल झोंकना चाह रहे हैं, जो घोर अपराध की परिभाषा में आता है. उक्त अपराध के लिए विधी अनुसार शाषित की रकम वसूली करने के साथ अनुशासनिक कार्रवाई करने का प्रावधान है, जिसमें आयोग के निर्णय को गंदी नाली में फेंकना चाहते हैं. जिसमें पारदर्शिता लाने हेतु ध्यान आकर्षित करते हुए मूल आवेदन का क्रमांक एक एवं दो का समुचित सूचना उपलब्ध कराने की मांग की गई है. केंद्रीय सूचना आयोग का निर्णय का अनुपालन करने की मंशा के अनुकूल कार्य करने का भावना जन सूचना पदाधिकारी में समाप्त हो चुकी है. जिसकी कॉपी आयोग को भी भेजी जा चुकी है.
क्या है रेलकर्मी की मौत का रहस्य?
आखिर रेलकर्मी की मौत का रहस्य क्या है? जांच के नाम पर किसको बचाया जा रहा है. आरटीआई कार्यकर्त्ता कमलेश कुमार ने इन सवालों का जवाब लेने की ठानी है. उन्होंने कहा कि आखिरी दम तक इस मामले को उठाएंगे और सीआईसी का आर्डर होने के बाद वे न्यायलय की शरण में जायेंगे. कमलेश कुमार ने कहा कि सीआईसी काफी गंभीर है इस मामले में. आरटीआई कार्यकर्त्ता के मान सम्मान को बरकरार रखा है. दोषी पदाधिकारी जहां भी रहें उन्हें छोड़ेगे नहीं. मालूम हो कि इस मामले के सभी आरोपित जमानत पर हैं. रेल लैंड विभाग के अधिकारीयों और कर्मियों का तबादला कर चुकी है. लेकिन बड़ी मछली अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं.
क्या है मामला
गत 28 जून 2023 को लोको शेड के सीनियर टेक्नीशियन सुनील कुमार पिल्लै ने आत्मदाह कर लिया था. इसके बाद इलाज के दौरान 2 जुलाई को उसकी मौत टाटा मेन अस्पताल में हो गई थी. यह मामला तब सुर्खियों में बना था, जिसमें पिल्लै ने आत्मदाह करने के बाद एक वीडियो जारी कर रेलवे लैंड विभाग और आरपीएफ के अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार बताया था. इस मामले की गूंज रेलवे बोर्ड तक गुंजी थी.