फतेह लाइव, रिपोर्टर.

रांची मण्डल के आरपीएफ कमांडेंट पवन कुमार के निर्देश पर नाबालिग बच्चों को बचाने के लिए आरपीएफ की टीम गठित कि गई है। उसी क्रम में शुक्रवार को रांची रेलवे स्टेशन पर एएचटीयू टीम और नन्हे फरिश्ते टीम द्वारा चेकिंग के दौरान देखा कि प्लेटफ़ॉर्म संख्या एक और तीन पर नाबालिग लड़के को संदेहास्पद अवस्था में बैठे हुए थे और उनके साथ एक व्यक्ति भी था। पूछने पर व्यक्ति ने अपना नाम छोटू कुमार, उम्र लगभग 19 वर्ष, पुत्र बदलू दास निवासी- ग्राम+ डाकघर+ थाना- बछवाड़ा, जिला- बेगुसराय (बिहार) बताया।

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नाबालिग लड़कों ने पूछताछ पर खुलासा किया कि एक व्यक्ति जिसका नाम कुंदन सदा, उम्र लगभग 22 वर्ष, पुत्र- राम बालक सदा, निवासी ग्राम- फरचिवान, डाकघर+थाना- बछवारा, जिला- बेगुसराय (बिहार) ने विशाखापट्टनम में खाना बनाने के लिए 14,000 रुपये वेतन दिलाने का वादा किया था तथा 1000 रुपये एडवांस भी दिये थे, जिसके बाद वे सभी बछवाड़ा स्टेशन पर छोटू कुमार से मिले और विशाखापट्टनम जाने के लिए उसके साथ ट्रेन से रांची स्टेशन आये।

छोटू कुमार से आगे पूछताछ करने पर बताया कि विशाखापत्तनम स्टेशन के पास वह ठेकेदार राहुल कुमार पुत्र-मुकेश कुमार निवासी-ग्राम-इटाढ़ी थाना-पीरो, जिला-भोजपुर (बिहार) के अधीन रेलवे में नाली बनाने का काम करता है। उनसे विशाखापत्तनम में बच्चों को लाने के लिए कहा गया था।

बाद मे उक्त छोटू कुमार को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए एएचटीयू पुलिस कोतवाली, रांची को सौंप दिया जहां छोटू कुमार, कुंदन सदा और राहुल कुमार के खिलाफ 143 बीएनएस और 75/81 जेजे एक्ट दर्ज किया गया और तीनों नाबालिग लड़कों 1) नीरज कुमार, उम्र लगभग 16 वर्ष, पुत्र राम विला सादा, निवासी- गांव-गंगोली, डाकघर- सिंहिया, थाना- साकमोहन, जिला-समस्तीपुर, बिहार 2) उमेश सदा, उम्र लगभग -15 वर्ष, पुत्र-राधेश्याम सदा, निवासी- ग्राम-फरचिवान, पोस्ट-थाना-बछवाड़ा, जिला-बेगूसराय बिहार तथा 3) अजय सदा, आयु लगभग -15 वर्ष, पिता- मंगल सदा, निवासी-ग्राम-फरचिवान, डाकघर+पीएस-बछवाड़ा, जिला-बेगूसराय बिहार को डब्ल्यूसी रांची के मौखिक आदेश के अनुसार सभी औपचारिकताओं के बाद बालाश्रय शेल्टर होम रांची को सौंप दिया गया।

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