फतेह लाइव, रिपोर्टर.






गत दिनों उत्तराखंड के उत्तरकाशी में राष्ट्रीय राजमार्ग 134 को जोड़ने के लिए बनाई गई सिल्कयारा बेंड-बारकोट सुरंग का एक हिस्सा निर्माणाधीन होने के दौरान ढह गया था. इसमे 41 श्रमिक सुरंग के अंदर ही फंस गए थे, जिसमे से 6 मजदूर झारखण्ड के डुमरिया के रहने वाले थे.मजदूरों को 17 दिन के बाद अथक प्रयास से सकुशल टनल से बाहर निकाल लिया गया और मेडिकल ऑब्जरवेशन के लिए रख दिया गया.
वहीँ, झारखण्ड डुमरिया के मजदूरों में 2 परिवार बहुत ही गरीबी की जिंदगी जी रहे हैं. इसकी सूचना समाचार पत्रों के माध्यम से समाजसेवी रवि जायसवाल को मिली. उन्हे पता चला कि मजदूरों के घर मे खाने का राशन तक नहीं है. साथ ही इसी बीच एक मजदूर भूक्तु मुर्मू के पिता का देहांत भी हो गया.
इस पूरी घटना की जानकारी के लिए रवि ने डुमरिया थाना प्रभारी से सम्पर्क किया और दोनों परिवार की स्थिति को जानने के बाद चार महीने का राशन के साथ -साथ कुछ आर्थिक मदद भी की. इतना ही नहीं भूक्तु मुर्मू के परिवार के 2 बच्चो को मैट्रिक की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी रवि ने उठाई.