एग्रिको ट्रांसपोर्ट मैदान में आरएसएस का विजयादशमी उत्सव, स्वयंसेवकों का हुआ जुटान, पथ संचलन निकाला गया
चरणजीत सिंह.
विजयादशमी ऐसा सालाना मौका है, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा विजयादशमी उत्सव का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जमशेदपुर महानगर इकाई द्वारा पथ संचलन हुआ। एग्रिको के ट्रांसपोर्ट मैदान में झारखंड के प्रांत प्रचारक गोपाल जी का बौद्धिक हुआ। उन्होंने कहा कि अगले साल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के सौ साल पूरे हो जाएंगे। सभी बस्तियों में शाखा होना समय की मांग के साथ नितांत आवश्यक भी है। संघ का कार्य सिर्फ शाखा चलाना है, जहां खेल, योग, व्यायाम, समता के माध्यम से व्यक्ति का निर्माण किया जाता है। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर इसलिए परेशान है कि बिना किसी सरकारी मदद के संघ इतना सबल संगठन बन गया।
विजयादशमी उत्सव पर सबसे पहले पथ संचलन हुआ। सुबह सात बजे तीन पंक्ति में लगभग 350 स्वयंसेवक गणवेश में निकले। ट्रांसपोर्ट मैदान से गोलमुरी आकाशदीप प्लाजा, खालसा मैदान से सिदगोड़ा-बारीडीह मुख्य मार्ग होकर स्वयंसेवक ट्रांसपोर्ट मैदान वापस आए। पथ संचलन में घोष दल ने सबका ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद विभाग बाल कार्य प्रमुख अजयजी ने मुख्य शिक्षक का दायित्व संभालते हुए शाखा लगवाई। आरएसएस के महानगर कार्यवाह रवींद्र जी ने बतौर अतिथि पधारे प्रांत प्रचारक गोपालजी, विभाग संघचालक इंदर अग्रवाल और महानगर संघचालक रामचंद्रजी का परिचय कराया। विभाग कार्यवाह मनोज जी ने विषय प्रवेश कराया। प्रांत प्रचारक ने अगले साल संघ के शताब्दी वर्ष पूरा होने पर आरएसएस की जमशेदपुर महानगर इकाई के दायरे में आने वाले 13 नगरों की 154 बस्तियों में शाखा की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह भी आग्रह किया कि शताब्दी वर्ष में बड़े आयोजन से परहेज करें।
प्रांत प्रचारक के संबोधन में यह भी
आरएसएस ने अटल और मोदी जैसे व्यक्तित्व दिए
आरएसएस ने व्यक्ति निर्माण के माध्यम से देश को अटल बिहारी और नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्तित्व दिए। अटलजी ने परमाणु परीक्षण कर भारत को परमाणु संपन्न देश घोषित किया। नरेंद्र मोदीजी के प्रयास से भारत विश्व की महाशक्ति बना है।
साढ़े पांच लाख गांवों के सहयोग से राम मंदिर निर्माण
आरएसएस के कारण ही देश भर के साढ़े पांच लाख गांवों में अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण में निधि समर्पण कार्यक्रम चलाया जाय। 1984 में आरएसएस ने अयोध्या में राम जन्म भूमि का मामला अपने जिम्मे लिया। अंततः सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ट्रस्ट बनाकर मंदिर निर्माण पूरा करवाया।
जम्मू कश्मीर में धारा 370 को समाप्त कराया गया
जम्मू कश्मीर में धारा 370 को समाप्त कराने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश की आजादी के बाद से प्रयास शुरू किए। 1962 में ही जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र की स्थापना की। वहां से जुड़े एक-एक बिंदू और उससे संबंधित दस्तावेजों को एकत्रित करने में भूमिका निभाई।
पूर्वोत्तर के नागरिकों में भारतीयता का भाव जगाया
आजादी के बाद गलत नीतियों के कारण पूर्वोत्तर भारत के छह राज्यों में एक नागालैंड में 99 प्रतिशत हिन्दू मातातंरित होकर ईसाई बन चुके हैं। अमेरिका की संसद में यह प्रश्न भी हुआ था कि क्यों नहीं भारत से नागालैंड को अलग किया जाए क्योंकि वहाँ सिर्फ 1 प्रतिशत हिन्दू शेष हैं। आरएसएस के प्रचारक जब पूर्वोत्तर के राज्यों में जाते थे तो वहां के लोग पूछते थे कि क्या आप भारतीय है। संघ के प्रचारकों ने वहां के लोगों के अनुरूप जीवन शैली अपनाई। बहुत त्याग किया। आज वहां की परिस्थिति बदल चुक है। वहां के लोग भी अब खुद को भारतीय कहने में गर्व महसूस करते हैं।
यह थे शामिल
आरएसएस के महानगर सह कार्यवाह मृत्युंजयजी एवं अमित जी, विधायक सरयू राय, भाजपा जिलाध्यक्ष सुधांशु ओझा, पूर्व कोल्हान आयुक्त विजय कुमार सिंह, वी नटराजन, गुहा राम, अभय सामंत, रवींद्र सिंह, विनोद अग्रवाल, एचपी शुक्ला, डॉक्टर संतोष गुप्ता, मनोज पांडेय, आरएनपी सिंह, अवध बरनवाल, हरि गोपालजी, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर प्रबंध समिति के अरुण सिंह, अरविंद सिंह, श्याम किशोर सिंहा, भोला पांडेय, कविता परमार, दिनेश कुमार, भूपेंद्र सिंह, गूंजन यादव आदि।