विपक्ष के लोगों का भी निशान सिंह पर हमला जारी, कहा-कल की घटना के लिए कार्यकारी प्रधान जिम्मेदार
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर के साकची गुरुद्वारा में प्रधान की कुर्सी को लेकर चल रही जिच ने रविवार को एक बार सिख समाज को शर्मिंदगी का एहसास करा दिया, जब गुरुद्वारा परिसर में संध्या के नितनेम के दौरान पक्ष और विपक्ष के लोग आपस में भीड़ गए. इस दौरान गुरुद्वारा परिसर में हल्की धक्का-मुक्की भी हुई. साकची गुरुद्वारा में चल रही चुनावी प्रक्रिया के दौरान यहां अकाली दल की ओर से उम्मीदवारों की धार्मिक स्क्रूटनी का कार्यक्रम रखा गया था. यहां हुए जोरदार हंगामे के बीच अकाली दल को कार्यालय से विपक्ष के लोगों ने निकालकर ही दम लिया. इसे सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाली दल का अपमान बताते हुए शहर के सिख अलोचना कर रहे हैं.
साकची के चुनाव को लेकर विपक्ष के उम्मीदवार हरविंदर सिंह मंटू की मांग पर सीजीपीसी ने हस्तक्षेप किया था. पिछले दिनों एसडीओ का हवाला देकर सीजीपीसी द्वारा गठित पांच सदस्यीय कमेटी ने यहां चुनावी प्रक्रिया शुरु कर दी, जिसका कार्यकारी प्रधान निशान सिंह एंड टीम जमकर विरोध कर रही है. अब तो सीजीपीसी प्रधान भगवान सिंह पर भी उंगलियां उठनी शुरु हो गई है. सिखों के कई वाट्सअप ग्रुप में पक्ष-विपक्ष एक दूसरे की खींचतान कर रहे हैं. वहीं, कुछ प्रबुद्ध लोग भी इसे गलत बता रहे हैं.
अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने इस कड़वे सच को भी खबर के माध्यम से बयान किया है. खैर इस पूरे प्रकरण में सिख समाज की जो भद पीट रही है. उससे किसी भी प्रमुख को कोई लेना देना नहीं है. निशान सिंह ने सिख संगत से अपील की है कि वह खुद खड़ी होकर भगवान सिंह का विरोध करें, ताकि सीजीपीसी की मर्यादा बचाई जा सके. निशान सिंह ने भगवान सिंह को झूठा बताते हुए आरोप लगाया है कि वह गुरुद्वारा कमेटियों को जोड़ने नहीं बल्कि तोड़ने का काम कर रहे हैं. भगवान सिंह ने इस बाबत फतेह लाइव को बताया कि वह एसडीओ के आदेश पर चुनाव कराने के लिए एक्टिव हुए हैं. निशान सिंह के सभी आरोप निराधार है.
वहीं इस मामले में साकची की विपक्ष की टीम कार्यकारी प्रधान निशान सिंह पर जोरदार तरीके से हमलावर है. जोगिंदर सिंह जोगी ने आरोप लगाया कि रविवार को अकाली दल का जो अपमान हुआ और गुरुद्वारा में जो भी हंगामा हुअ, उसके लिए निशान सिंह जिम्मेदार है. बहरहाल, सोमवार शाम को सीजीपीसी की चुनावी प्रक्रिया के तहत नामांकन जमा लेने की कार्रवाई होनी है. फिर, निशान सिंह टीम उसका विरोध कर सकती है. वहीं इस मामले को लेकर मूंछ की लड़ाई में जीत चाहे किसी की भी हो, लेकिन जमशेदपुर का सिख समाज का सर सबके सामने झुक रहा है, जिसे समझने की जरूरत है.